“अच्छे दिन” की समझ – आपकी सोच का आईना हैं !!!

ये बात सच हैं कि नरेंद्र मोदी को प्रधान मंत्री बनवाने के लिये समुचे देश कि जनता ने एक मन बना कर मतदान किया लेकिन ये भी हकीकत हैं कि इनमें वे लोग काफी कम ही होंगे जीन्होने देश पर आरही आफत को आंकलन कर मोदी को समर्थन दिया हैं अधीकतर वे लोग हैं जिन्होने खुद पर आती आफत जैसे महंगाई, समाजीक अपराध और भ्रष्टाचार जैसी समस्याऔ से तंग आकर मोदी को समर्थन दिया हैं|

नरेंद्र मोदी की इतनी बडी जीत का मतलब तो साफ हैं की चाहे परेशानी का कारण चाहे भ्रष्टाचार हो या समाजीक उत्पीडन या देशहित का मुद्दा… सभी के विश्वास का केंद्रबींदु एक मात्र नरेंद्र मोदी के नाम पर आकर ही मील रहा था|

जाहिर हैं कि इस वजह से सभी के लिये “अच्छे दिन” का अपना ही मतलब होगा और आपकी यही समझ आपकी समझदारी का आईना भी हैं|

जिनकी सोच मात्र उसकी अपनी महंगाई और आमदनी तक ही सीमीत हैं उनके लिये “अच्छे दिन” का मतलब मात्र सस्ते दरों पर सु:ख सुवीधा से बढकर कुछ नहीं| इस सोच को संकुचीत सोच भी कहना गलत नहीं होगा खेर उनकी अपनी मजबुरीया भी हो सकती हैं|

जीनके लिये समाजीक अपराध के कारणवश बढती असुरक्षा मुद्दा थी उनके लिये जाहीर हैं कि “अच्छे दिन” का मतलब सुरक्षा का अहसास और कानुन की व्यवस्था का मजबुत होना| एसी सोच को समान्य मानसीकता से बेहतर दर्जे की सोच कहा जा सकता हैं| कम-से-कम इन्हे अपने अलावा दुसरों का दर्द दिखाई तो देता है|

अब उनका जिक्र करना चाहुंगा जिन्होने देश पर आती आर्थीक, धार्मीक, विदेशी साजीशो, जेहादी आतंकवादीयो के देश पर मंडराते खतरे और पडोसीयों द्वारा सिमाऔ पर होती छेड-छाड को भाँप कर नरेंद्र मोदी का समर्थन किया हैं अनके लिये “अच्छे दिन” का मतलब देश कि आन-बान-शान को न केवल आहत होने से बचाना बल्की विश्व के मानस पटल पर शक्तिशाली रूप से स्थापीत होते देखना|

ये वे लोग हैं जिनके लिये “अच्छे दिन” का मतलब…
> कश्मीर से धारा ३७० हटवा कर कश्मीर को मुख्यधारा से जोड कर वीकास की पटरी पर लाना जीससे भवीष्य की अनेको मुसीबतो पर अंकुश
> कश्मीरी पंडीतो का पुनर्वसन और जेहादी कट्टर पंथीयों का खात्मा
> देश मे सभी के लिये सिर्फ एक कानुन व्यवस्था (common civil code)
> चीन के पडोसी मुल्को पर बढते दब-दबे से खुद को उभारकर मजबुत करना
> चीन के मुकाबले सीमाऔ पर भारतीय सडको का नीर्माण
> हिंदुत्व की शक्तीशाली स्थापना जीससे हिंदुत्व के विरोधीयों का सफाया हो सके
> पाकिस्तानी नापाका इरादों का मुँहतोड जवाब
> विदेशी कंपनीयो के खतरनाक षडयंत्रो पर संम्पुर्ण प्रतीबंध
> मशीनरी धर्मांतरण खेलो का खात्मा
> पश्चमी देशो द्वारा देश की अखंडता को विभाजीत कर देने वाली विनाषकारी नीतीयो का धराशाही कर देना
> देश में बढते पश्चमी चलन पर रोक लगाकर भारतीय सभ्यता-संस्कृती का प्रसार एवं सामाजीक नेतीकता का उद्धार
> शिक्षा व्यवस्था का संपुर्ण भारतीय करण

जिन्होने एसी सोच से नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया हैं मैं वाकई में कहता हुँ एसे लोग पुज्यनीय हैं, क्युँ की यही वे लोग हैं जिनके रहते देश का भवीष्य सुरक्षीत रह सकता हैं| यही वे लोग हैं जिन्होने देश पर मंडराते खतरे को भाँपा हैं| यही वे लोग हैं जीनके हर कदम राष्ट्रीयवाद के लिये उठते हैं और यही वे लोग हैं जो अंत-तक नरेंद्र मोदी को समर्थन भी करते रहेंगे|

भारत, जीसकी मातृभुमी ने त्याग और तपस्या से विश्व को परिचीत करवाने वाले विर जन्मे आज उस धरती पर रहते हुवे अगर हम हमारी सरकार से मात्र ये अपेक्षा रखे की वे हमारी देनीक जरूरतो को हमे मुफ्त में या सस्ती दरों उपलब्ध करा दे और वो भी तब जब हम जानते हैं की देश की आर्थीक स्थीती को पीछली सरकारों ने गीद्द-कव्वो की तरह नोच कर खाया हैं, हमसे ज्यादा स्वार्थी फिर और कोन हो सकता हैं !!!

आज वक्त हैं कि हम अपने नीजी स्वार्थो को छोड मात्र देश की दशा और दिशा कि चिंता करे, क्युँ की जब देश बचेगा तो हमारा अस्तीत्व रहेगा !!!

अंतत: समर्थन तो सभी नें दिया हैं और यही सोच कर दिया हैं कि “अच्छे दिन” आयेंगे…..बस फर्क इतना हैं की अच्छे दिनो की किमत चुकाने को तयार रहने वालो की कतार छोटी हैं !!!

जय हिंद, जय भारत !!!

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