नरेंद्र मोदी की जीत अब “अटल“ है!
देश के लिये चिंतीत महानुभवों से अपील हैं की कृपया किसी भी भांड मिडीया के चेनल देखकर या समाचार पत्र पढकर अपना समय बर्बाद ना करें, ये मिडीया वाले नरेंद्र मोदी के उस अंतीम क्षण तक के जबतक प्रधानमंत्री पद की शपथ ना लेले, मात्र आशंका ही लगाते रहने वाले हैं की वो PM बनेंगे की नहीं!!!
इनकी इन आशकांऔ से वे ये प्रयास किये जा रहे हैं की भौली भाली जनता में संदेह की स्थीती बनी रहे. जब की हकीकत आज कौसौं आगे नीकल चुकी हैं, आज हर गली-मुहल्ले का बच्चा हो या बुढा, सबकी जबान पर मोदी के अलावा और कोई नाम नहीं…
और हो भी भला क्यों नहीं. हैं कोई नेता जिसने सोनीया सहीत पुरी काँग्रेस पर एक आम आदमी के दिल की खुन्नस नीकाली हो! यहाँ तक की मनमोहन की चड्ढी तक उतार कर रख दी हैं.
चुनाव जब होंगे तब होंगे, लेकीन आज इस देश का हर एक आम-और-खास मोदी के भाषण मात्र से सकुन प्राप्त करता नजर आ रहा हैं…मौदी का भषण अब आम आदमी के सर चढ चुका हैं और ये कोई नसेडीयों वाला नशा नहीं जो थोडी देर मे उतर जायेगा…ये नशा अब जनशक्ती बनकर टुट पडने को उबाल ले रहा हैं…
यकीन मानों, आने वाले समय में एक इतीहास रचने वाला हैं. बस, आप सभी से नीवेदन हैं की इस इतीहास के मात्र मुक दर्शक न बनकर अपनी भुमीका तय करें और जिस कदर भी हो सके योगदान अवश्य करे.
आप अपना योगदान इन तरीकों से कर सकते हैं…
> सोशियल मिडीया में मोदी का हो सके उतना प्रचार करें
> जब भी अपने मित्रो, पडोसीयों और रिस्तेदारों से मुलाकात हो, मोदी को मुद्दा अवश्य बनाये
> काँग्रेस सहीत शरदपवार, कजरीवाल, मुलायम और मायावती जैसे काँग्रेसी दल्लों का खुलकर वीरोध करें
> सबसे महत्वपुर्ण: अपने इर्द-गीर्द के सभी लोगों का वोटर लीस्ट में नाम हो, सुनीश्चीत करलें और जीनके ना हो तुरंत उनको उचीत कदम उठाने की सलाह दे. देश के प्रती कितनी भी भावना भले क्युँ ना हो पर बगैर वोट के बदलाव संभव नहीं.
2014 का चुनाव एक धर्म युद्ध हैं, कर्म युद्ध हैं और अपने तथा देश के आत्मसम्मान को बचाने के लिये महासंग्राम हैं. यह चुनाव मात्र चुनाव नहीं, ये भारत के हर नागरीक का इम्तीहान हैं की देश को अस्थीरता की खाई में ढकलने वालो के प्रती आखीर जनता आक्रोश में उतरती हैं या नहीं.
जय हिंद, जय भारत!