Monthly Archives: December 2012

बस युहीं….हो गयी बहस!!!


एक कज्रिवाल समर्थक से लम्बी बहस हो गयी…हालाँकि ये पता था की की वह “AAP” का कार्यकर्त्ता हैं लेकिन फिर भी ये जानने के लिए बहस की गयी की आखिर ये किन मुद्दों और किस राजनेतिक दूरदृष्टि को लेकर ये कज्रिवाल के अंधभक्त हैं…पढ़िए विस्तार से…

Post content:
कज्रिवाल: तिन सवाल और उसके जवाब

मित्रो, जब भी कज्रिवाल के खिलाफ कुछ लिखा जाता हैं तो उसके समर्थक बहस करने की बजाये गाली-गलोज करते हुवे दीखते हैं!!! और में उनसे सारी बाते छोड़ कर केवल ये तिन प्रश्न रखता हूँ जिसका जवाब कोई समर्थक देता नहीं…

१) कज्रिवाल ने राजनेतिक दल क्यूँ बनाया?
२) क्या एक मुद्दे के आधार पर राजनेतिक दल बनाना सही हैं?
३) कितने सालों में कज्रिवाल अपना सपना पूरा कर लेंगे?

[Read More for Answer http://bit.ly/10vuiMX]

Comment Part:

Continue reading

दामिनी का असली गुनहगार

दामिनी का असली गुनहगार

दामिनी का असली गुनहगार

आज मिडिया की हर बहस में लोग ये तो कहते नजर आते हैं की अच्छे संस्कारों की सुरुवात घर से ही होती हैं लेकिन हकीकत ये हैं की पहले के जमाने में संस्कारों की सुरुवात माता-पिता से होती थी आज संस्कारों की सुरुवात घर के टेलीविज़न सेट से होती हैं, वही टेलीविज़न जो की अश्लीलताओं से भरापडा हैं. आज बचपन से ही टीवी के माध्यम से बच्चा क्या क्या नहीं सिख जाता? और यही एक लड़की के दामिनी बनने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

दामिनी के कातिल है….
डियोडरेंट के एड
नहाने के साबुन के एड
गर्भनिरोधक दवाऔ के एड
कंडोम के एड
….और हर एक वो एड जो लडकीयों को “खरीदने की वजह” के रुप मे पेश करते है

दामिनी की कातिल है….
“शिला की जवानी”
“हलकट जवानी”
“मुन्नी बदनाम”
“जलेबी बाइ”
….और हर वो गाने जो स्त्रि के बदन का तमाशा करते है

दामिनी की कातिल है….
जिस्म
राज
मर्डर
डर्टी पिक्चर
…और हर  एक वो फिल्में जिनका आधार केवल और केवल “सेक्स” होता हैं

दामिनी की कातिल है….
बिपासा
मल्लिका
राखि सावंत
सन्नी लियोन
….और हर एक वो अभिनेत्री जो शान से अपने नंगे बदन को बेचते वक्त ये भुल जाती है कि उनके लिये भले ही ये धंधा है लेकीन देश कि दुसरी नारीयो के लिये इज्जत हैं

दामिनी के कातिल है….
महेश भट्ट
पुजा भट्ट
मिलन लुथरीया
मोहीत सुरी
इमरान हशमी
…और हर एक वो निर्देशक/अभिनेता जिन्होने स्त्रि कि गरीमा को इतना गीरादिया कि दर्शको कि नजरों मे स्त्री एक मात्र पुरषो के मनोरंजन का सामान बन कर रह गयी

दामिनी के कातिल हैं…
न्यूज़ चेनलों में मनोरंजन समाचारों के रूप में दिखाई जाने वाली अश्लीलता
कोमेडी के नाम पर भद्दा और निम्न स्तर का स्टेज की मोडलों पर बनाया जाने वाला मजाक

विज्ञापन में अश्लीलता!!!
गानों में अश्लीलता!!!
फिल्मो में अश्लीलता!!!
न्यूज़ चेनलों में अश्लीलता!!!
कोमेडी सिरिअल्स में अश्लीलता!!!

जब तक इनमाध्यमो में सुधार नहीं किये जाते, इस देश के किसी भी कोने में कोई भी लड़की दामिनी बना दी जायेगी फिर भले ही चाहे बलात्कारी के लिए फांसी की सजा ही क्यूँ ना हो….

दोस्तों केवल एक ही प्रश्न: इस देश में हत्या के लिए फांसी की सजा हैं लेकिन क्या इस देश में हत्याए नहीं होती???

अगर वास्तव में परिवर्तन चहिये तो सबसे बड़ी आवश्यकता हैं टेलीविज़न और फिल्मो में दिखाई जाने वाली अश्लीलता पर लगाम की. यह एक हकिकत जिससे फिल्मी जगत आँखे चुराने में लगा हुवा हैं, मिडीया बताना नहीं चाहता, और अंग्रेजीतंत्र  की सरकार तो समझ ही नही सकती.

“जब तक इस तरह स्त्री के बदन पर धंधा करने वालो कि दुकान बंद नही कि जाती, इस देश मे लडकीयाँ दामिनी बनती रहेगी”

[इसे भी अवश्य पढ़े पश्चिमी देशो में भी तो नग्नता हैं???]

जागो और जगाओ….अश्लीलता मिटाओ!!! देश बचाओ!!!
जय हिन्द!!! जय भारत!!!

कज्रिवाल: तिन सवाल और उसके जवाब

Arvind Kejriwal and three question

Arvind Kejriwal and three question

मित्रो, जब भी कज्रिवाल के खिलाफ कुछ लिखा जाता हैं तो उसके समर्थक बहस करने की बजाये गाली-गलोज करते हुवे दीखते हैं!!! और में उनसे सारी बाते छोड़ कर केवल ये तिन प्रश्न रखता हूँ जिसका जवाब कोई समर्थक देता नहीं…

१) कज्रिवाल ने राजनेतिक दल क्यूँ बनाया?
२) क्या एक मुद्दे के आधार पर राजनेतिक दल बनाना सही हैं?
३) कितने सालों में कज्रिवाल अपना सपना पूरा कर लेंगे?

मुश्किल से एक ने दिया भी था लेकिन राजनेतिक दूर दृष्टि से काफी परे था. उन तिन सवालों के जवाब यहाँ स्वतः के दृष्टिकोन से रखता हूँ. उम्मीद करता हूँ की सभी सहमत होंगे और अगर ना हुवे तो कृपया अपने विचार जाहिर करे क्यूंकि लोकतंत्र में सिर्फ जनता के केवल सही या देश भक्त होने से काम नहीं चलता. सफलता तब तक नहीं मिल सकती जब तक की जनता का एक बड़ा हिस्सा सही राह पर एक साथ ना चले और यही लोकतंत्र की बड़ी खामी हैं.

१) कज्रिवाल ने राजनेतिक दल क्यूँ बनाया?
क्यूंकि उसे इस काम के लिए विदेशियों ने भारी भरकम रकम दी (google कीजिये कज्रिवल फोर्ड फाउंडेशन). विदेशियों ने भारत के कई हिस्सों का सर्वे कर ये ज्ञात कर लिया हैं की कांग्रेस की बिसाख हिल चुकी हैं और अगले चुनाव में जबतक की बीजेपी के vote काटे नहीं जाए तब तक कांग्रेस का पुन्ह जितना असंभव हैं. इस नेक काम के लिए कज्रिवाल को खड़ा किया गया . जब अन्ना आन्दोलन अपने चरम पे था तब ही कांग्रेसी और विदेशी पूरी तरह से हिल चुके थे और हिस्सार के चुनाव के बाद भ्रष्ट पगला गए थे. उन्होंने अन्ना टीम के ही किरदारों को खोदना शुरू किया ताकि अन्ना टीम में फुट डाली जा सके. प्रशांत भूषण तो पहले से ही जगजाहिर दलाल था और कज्रिवाल एक नए दलाल के रूप में उभरा और इन्होने एक रणनीति के चलते विदेशियों का खेल अन्ना टीम पर खेला. इन सारी बातों के सबुत अगर आप मुझसे मांगेंगे तो क्षमा करे उसके लिए अपनी अंतरात्मा को टटोलें.

२) क्या एक मुद्दे के आधार पर राजनेतिक दल बनाना सही हैं?
आज कांग्रेस की भ्रष्टता इतनी उजाघर होने के पश्चात भी कांग्रेस को सत्ता से कोई दल हिला नहीं पा रहा हैं और उसकी सबसे बड़ी वजह हैं सारे भ्रष्टों की अटूट एकता. और इस देश में जितने भी देशभक्त विचारधरा रखने वाले नेता हैं, वो सब अपने-अपने विचार ले कर बिखरे हुवे हैं. ना ही ये देशभक्त नेता आपस तालमेल बना पाते हैं और ना ही भ्रष्ट इन्हें एक होने देते हैं. अब ऐसे माहोल में अगर हर-एक मुद्दों के आधार पर राजनेतिक पार्टी बनायी जाए तो बताओ भला किसका फायदा होगा? इन भ्रष्ट ताकतों का ही होने वाला हैं क्यूंकि ये एकजूट हैं. इसलिए एक मुद्दे को उठाकर पार्टी बनाना उस मुद्दे की गंभीरता को ही नष्ट करदेना हैं जैसा की लोकपाल मुद्दे के साथ हुवा. थोड़ा दिमाग पर जोर दे कर सोचो की कज्रिवाल नाम की बिमारी के पहले “लोकपाल” मुद्दे का कितना जोर था…और आज कितना हैं!!!
ये ना तो समझदारी हैं और ना ही ये देश हित में हैं.

३) कितने सालों में कज्रिवाल अपना सपना पूरा कर लेंगे?
अगर कज्रिवाल पूरी शक्ति, सम्पूर्ण इमानदारी और दिन-रात एक करके भी इस कार्य को अंजाम देने में लगा दे तो भी ये कार्य कज्रिवाल 2014 के चुनावों के बाद नहीं कर सकते और ये खुद कज्रिवाल भी जानते हैं. लेकिन उनका मकसद लोकपाल नहीं देश को गुमराह करना हैं. कज्रिवाल की पार्टी को बीजेपी / कांग्रेस के कद तक पहुँचते-पहुँचते भी 15 से बीस साल आराम से निकल जायेंगे. अब बताओ जहां जो लोग 16 महीने के जन-आन्दोलन से ही इतनी जल्दी हार मान गए वहाँ 15 से 20 साल वे कैसे इंतज़ार करने को राजी हो गए!!! और उसके बाद भी शायद ही कज्रिवल को सत्ता मिलेगी…और मिलेगी तो भी “घटबंधन” वाली!!! आज चाहे FDI का मुद्दा हो या रिजर्वेशन का मुद्दा हो, हर मुद्दा संसद में आंकड़ों के दम पर खेला जाता हैं और ऐसे में कज्रिवाल जिस कांग्रेस, बीजेपी या और दुसरे राजनेतिक दल जिनको आज घालीयाँ देते फिर रहे हैं उनकी शरण में जाना ही पड़ेगा. क्यूंकि vote देने वाली जनता जिसे अन्ना जागरूक कर रहे थे, कज्रिवाल ने अन्ना का रास्ता ही बंद कर दिया और राजनीती करने निकल गए!!!

थोडा भी जागरूक/समझदार नागरिक इन विषयों पर सोचे तो अपने विचारों को शुद्ध कर सकता हैं. और विचार शुद्द करना इसलिए जरूरी हैं क्यूंकि हमसभी को एक राह पकड़ कर चलना हैं तभी इस देश की “दशा और दिशा” बदल सकती हैं.

जय हिन्द!!! जय भारत!!!
————————————–
Must Read:
कज्रिवाल पर स्वयं का आंकलन बेहद जरुरी हैं http://bit.ly/RRLoMK
कज्रिवाल, मिडिया और साजिश http://bit.ly/Qy8bgZ
————————————–

एक तमाचा : जो कहते हैं गुजरात की जीत बड़ी नहीं!!!

Narendra Modi Next PM

Narendra Modi Next PM

सारा हिन्दुस्तान देख रहा हैं की कांग्रेस और कांग्रेसीयों से भी ज्यादा भारतीय मीडियाओं के पेट में गुजरात जित के नाम से किस तरह का जुलाब लगा हुवा हैं| गुजरात में मोदी की यह तीसरी जित – अब तक की सबसे बड़ी जित हैं और भ्रष्टों की जमात इसे नकारने में लगी हुई हैं| २००७ में बीजेपी ने ११७ पर जित हासिल की थी और इस दफा ११५. एक अनपढ़ गवार जरुर यह कह सकता हैं की बीजेपी दो सीटों से पीछे गई हैं लेकिन हकीकत तो ये हैं की कम से कम और १० से १५ सीटे बीजेपी के खाते की थी जो की कांग्रेस और केशुभाई की मिलीभगत और गन्दी राजनीती के चलते बीजेपी की हाथ से छुट गई|

आईये एक नजर डालते हैं की किन हालातों में भी मोदी ने बरकरार रखी अपनी जीत…

१) केशुभाई का अलग से चुनाव लड़ना कांग्रेस की ही चाल थी और इसका सबुत भी इस बात से मिल जाता हैं की जब मोदी की प्रतिद्वंदी “भट्ट” ने केशुभाई से मणिनगर के अपने उम्मीदवार को हटाने को कहा तो केशुभाई भी राजी हो गए!!!

२) केशुभाई की पार्टी को ३ से ४ फीसदी मत मिले और ये पुरे के पुरे मत बीजेपी के ही कटे जिसके चलते १० से १२ सीटों पर बहोत ही कम अंतराल से कांग्रेसी या अन्य उमीदवार जीते

३) इसके अलावा भी कांग्रेस के सह्योंगी दल सपा, बसपा और NCP ने भी सारे गुजरात में पहलीबार मोदी के वोटो को काटने के लिए अलग से चुनावों में अपने केंडीटो को खडा किया

४) गौधरा दंगौ के मुद्दे पर हारी हुई काँग्रेस ने अब की बार एक भी मुस्लिम उमिदवार ना होने के नाम पर जम कर कोशिश कि की मुस्लिम समुदाय को मौदी के खिलाफ भडकाया जाय लेकीन फिर भी 12 में से 8 मुस्लिम बहुल सीटो पर बीजेपी ने कब्जा जमाया और वो भी बगेर मुस्लिम प्रत्याशी के…यहाँ के मुस्लिम भाईयों ने राज्यहित और राष्ट्रहित को ध्यान में रख कर वोट दिया…

५) डा. सुभ्रमनियम स्वामी की माने तो कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में लग-भग ४०० करोड़ रूपए खर्च किये जिसमे पाकिस्तानी ISI ने भी नकली नोट छाप कर इन गद्दारों को भेजे. इस पैसों का इस्तेमाल वोट खरीदने और वोटरों को शराब बाटने के लिए किया गया

६) भ्रष्ट मिडिया ने भी कोई कसर ना छोड़ी मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने की. यहाँ तक की इस चुनाव की प्रमुख विशेषता “3D प्रचार” जो की विश्व में पहलीबार गुजरात के चुनाव में मोदी ने इस्तेमाल किया उसेकी तारीफ़ करने की बजाये उसके खर्चों पर रोने लगी!!!

इन सारे हालातों में भी अगर मोदी की जीत हुई तो अवश्य ही यह नरेन्द्र भाई मोदी के लिए बहोत बड़ी उपलब्द्धि हैं| मोदी ने बार-बार कहा की तुम मुझ पर पत्थर उछालोंगे तों में उनकी सीढिया बनाकर ऊपर चढ़ जाऊँगा. अरे भ्रष्टों, कम-से-कम इससे तों कुछ अक्ल लो|

कितना भी दुष्प्रचार करलो…ये मोदी की सुनामी हैं, सुरुवात हो चुकी हैं और २०१४ तक कांग्रेसियों को बहाकर ले जायेगी.

जागो और जगाओ…मोदी को PM बनाओ!!!

जय हिन्द!!! जय भारत!!! वन्दे मातरम!!!

Narendra Modi Next PM

Narendra Modi Next PM

“पत्रकारिता” का बलात्कार: बेशर्मी से सहन करता मिडिया जगत

naveen jindal zee news coal scandal

naveen jindal zee news coal scandal

“जिंदाल” और “जी ग्रुप” – कोयला-घोटाले का खुलासा-विवाद

* बगैर किसी नोटिस के संपादको को जेल
* बैल लेने में भी जी ग्रुप का हफ्ता बिता देना
* दुसरे चैनलो को तो छोडीये “जी न्युज” के हैड लाइनों से ही इस खबर का गायब हो जाना
* “जी ग्रुप” की काँग्रेस के प्रति नर्मी!!!

इस विवाद मे तौ काँग्रेस सरकार समर्थीत जिंदाल का ही पलडा भारी नजर आ रहा हैं… जहाँ एक तरफ इस भ्रष्ट सरकार की दादागीरी बहोत ही हद तक उभर कर आइ हैं….दुसरी तरफ सारे मिडीया जगत का उन्ही के संम्पादको के प्रति उदासिन रवइया काफी विचार का विषय पैदा कर रहा हैं

अब बताइये, जो संपादक इतने बडे “जी ग्रुप” से होते हुवे भी जेल भेज दिये जाते हैं और सारा मिडीया जगत तमशबिन बना रह जाता हैं….ये अपने आप मे मिडीया जगत पर एतिहासीक घिनोने दाग लगा रहा है जिसे मिडीया जगत बडी बेशर्मी से सहन भी कर रहा हैं।

भाई ये तो वही बात हो गई के कोई अगर अपनी इमानदारी ना बेचे तो कातिलौं को खरीद लो उसका घला घौटने को!!!

यह “काला अध्याय” इस देश के लोकतंत्र पर सैकडों कालिख पौतने वाली निच काँग्रेस की तरफ से उस मिडीया जगत को तौहफा हैं जिसने प्रतक्ष्य या अप्रतक्ष्य रुप से भ्रष्टतंत्र को पाला, पौषा और समृद्ध किया।

इस मुद्दे पर मिडिया जगत से जुड़े हर एक शक्श को स्वतः अपने आप से विश्लेषण की आवश्यकता हैं. जी हाँ, अपने आप से क्यूंकि स्वतः की आत्मा से कोई झूठ नहीं बोलता।

जय हिंद!!! जय भारत!!!

[ कृपया मिडीया जगत से जुडे हर एक अपने विचार अवश्य दे ]

कांग्रेसी भ्रष्टतंत्र के खिलाफ इस लड़ाई में नजर पूर्णतया मुस्लिम योगदान पर

Patriotic Muslim Leader

Patriotic Muslim Leader

मौलाना महमूद मदनी साहब (महासचीव, जमियत उलेमा ए हिंद)
मौलाना कल्बे रशिद रिज़वी जी (International Islamic & Social Leader)

उन मुस्लिम नेताओ के नामो में से हैं जिनके देश भक्त विचारों से हर हिन्दुस्तानियों को काफी राहत मिलती हैं…और जब भी इनके विचार प्रषारित होते हैं लोग भी Like या Share के रूप में अपार सहयोंग देते हैं…और ये इस बात का सबुत हैं की देश में धार्मिक भेद-भाव इतने मायने नहीं रखते जितने की विचारों के भेद-भाव रखते हैं.

विचार अगर आपके देशभक्ति के हैं तो फिर आप किसी भी मजहब के हो आप को जनता का सहयोंग अवश्य मिलेगा. ये तो जाहिर हैं की भ्रष्ट सरकारी तंत्र और हमारी भ्रष्ट मिडिया का इनको कोई समर्थन नहीं मिलता लेकिन प्रश्न यह हैं क्यूँ ऐसी सक्शियतो को सारे मुस्लिम अनुसर नहीं करते… क्यूँ ये सक्शियते अपने ही समुदाय से अलग खड़ी नजर आती हैं?

मुस्लिम समुदाय को आवश्यकता हैं की इनके विचारों को ज्यादा-से-ज्यादा अपने समुदाय में फेलाए. जिससे की देश के भविष्य पे और एक विभाजन का खतरा न पैदा हो.

गुलाम भारत के आजादी की लड़ाई में सभी धर्मो के देश वासियों का योगदान था…अब आजाद भारत की सम्पूर्ण आजादी की लड़ाई में भी देश वही योगदान मांग रहा हैं. जब तक इस भ्रष्टतंत्र से मिलकर नहीं लड़ा जाएगा हम आसानी से नहीं जित सकते.

जागो और जगाओ देश बचाओ…

जय हिन्द, जय भारत!!! वन्दे मातरम!!!