वास्तव में, कुछ लोग यह आंकलन करने में समय बर्बाद कर देते हैं कि आखिर नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बन भी गया तो क्या हो जाएगा लेकिन सोचने वाली बात तो यह हैं कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री ना बन सके तो देश को किन-किन मुसबतों से गुजरना पड़ेगा। ऐसे ही कुछ भयभीत करदेने वाली सच्चाई पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना बेहद जरूरी हैं।
अगर नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री ना बन सके तो….
> भारत में अमेरिकी कंपनीयो के राजनीतीक हस्तक्षेप चरम पर हो जायेंगे
> देश की राजनीतिक अस्थिरता के चलते विदेशी ताकते अप्रत्यक्ष रूप से देश पर हावी होगी
> देश की गिरती अर्थव्यवस्था को संभालना नामुमकिन हो जायेगा क्यूंकि सबसे पहले हाथ खीचने वाले विदेशी निवेशक ही होंगे
> देश के कट्टरपंथी जो मोदी को रोकने के लिये एडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, उनके हौसले बुलंद हो जायेंगे और फिर इनकी कट्टरता के अत्यधिक दुषपरिणाम असमाजिक तत्वो कि भरमार स्वरूप मिलेगा
> आतंकवादी, जिनके अबतक मोदी कि आहट से हाथ-पाँव फुले हुवे हैं, वे पुर्णतया बेलगाम हो कर और अधिक रूप से सक्रिय हो जायेंगे
> पाकिस्तान और चीन जो रह-रह कर भारत को छेडते आ रहे हैं वे भी बेखोफ हो कर अपनी दबंग-गिरी पर उतर आयेंगे जिससे सिमा पर भारी अशांती की स्थीती बन जायेगी जिससे सीमा सुरक्षा का खतरा बढ़ जाएगा
> पाकिस्तान में बढ़ते तालिबानी वर्चस्व से साफ़ नजर आता हैं कि पकिस्तान पर जल्द ही तालिबानी कब्जा होने वाला हैं ऐसी स्थिति में उनका पहला लक्ष्य कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत में आतंकवाद फैलाना और यहाँ तक कि जंग छेड़ देना।
> अगर बैगर सक्षम प्रधान मंत्री के देश को युद्ध के दौर से गुजरना पड़ा तो अवश्य ही ये वो भयावह स्थिति होगी जिसकी कल्पना और अंजाम रोंगटे खड़े कर देता हैं
> देश के अल्पसंख्यक और पिछडा वर्ग जो आजतक मात्र वोट बँक की राजनीती का शिकार होता आया हैं, वो एकबार फिर अपनी हक से वंचीत हो जायेगा क्युँ की इस वर्ग का सबसे अधीक वीकास अगर कहीं हुवा हैं तो वो मात्र मोदी के शासन में हुवा हैं
> देश में संप्रदाईकता के नाम पर हिंदुत्व का घला घौटा जायेगा, सेक्युलरता के नाम पर सारी हिंदुत्व विरोधी ताकते एक झुठ हो कर अपना वर्चस्व साबीत करने में लगजायेगी
> देश कि सेना का मनोबल धराशायी होगा क्युँ की हाल की कई घटनाऔ में भारत सरकार के लचीले रवईय्ये को लेकर वे पहले से ही नाराज हैं और मोदी से उनकी काफी उम्मीदे जगी हैं
> स्वदेशी उद्योग जगत में नीराशा फैलजायेगी जिसकी कमर पहले से काँग्रेस शासन के चलते टुट चुकी हैं
> राजनैतीक अस्थीरता के चलते महंगाई कि मार और अधिक बढेगी जिसका सबसे बुरा असर मध्यम वर्गीय और गरीब जनता पर पडनेवाला हैं
> कृषी जगत को बहोत बडा नुकसान झेलना होगा क्युँ की मोदी एक मात्र एसे नेता हैं जिसने किसानों को उद्योगपती की श्रेणी में लाकर खडा किया और हर नीती में किसानों के विकास को प्राथमीकता प्रदान की
> देश के घटते पशुधन को बचाने वाली मुहीम को भारी झटका लगेगा क्युँ की आजादी के बाद से गौ-हत्या पर संपुर्ण पाबंदी लगाने कि मांग करने वाले गौ-भक्तो कि पुरी उम्मीदे अब मात्र नरेंद्र मोदी से टिकी हैं
> सोशियल मिडीया से जागृत और संघठीत हुवे देशभक्तों का मनोबल भी धराशाही होगा जो की देश के भवीष्य के लिये दु:खद दायी होगा
> देश में लोकतंत्र कि ये सबसे बड़ी हार होगी क्यूंकि आज देश का एक बड़ा वर्ग एक मात्र नरेंद्र मोदी को प्रधान मंत्री के रूप में देखना चाहता हैं
ये वे मुसीबते हैं जिन्हे ना ही कोई भारतवासी झेलना चाहेगा और ना ही ये देश हित में हैं। देश को बचाने का एक मात्र मौका हैं। कृपया इसे अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुंचाए।
जागो और जगाओ, देश बचाओ !!!
अभी तो करोड़ों को जगाना हैं !!!