अब काँग्रेस चौकडी के खिलाफ फेसबुक/ट्विटर पर लिखने वालों को हिरासत में लेने कि मुहीम चल पडी हैं। सोशियल मिडीया पर क्रांति फैलाने वाले इन सत्ताधारीयों को पसंद नहीं आ रहें !!! ये कुकर्म कर सकते हैं लेकिन हम इनके कालेकारनामों का प्रचार भी नहीं कर सकते !!!
अब तो इनके खिलाफ हर किसी को खडा हो कर सोशियल मिडीया पर मोर्चा सँभालना ही होगा। अगर इस नेक काम में हर व्यक्ति अपना सामर्थ्य देने लगे तो किस-किस को हिरासत में लेंगे ये, क्या ये संभव हैं।
मेरा सवाल उनसे हैं जो सोशियल मिडीया पर रहते हुवे भी अबतक इसे सिर्फ मनोरंजन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।
क्या हम वाकई आजाद हैं?
अगर जवाब “हाँ” में हैं… तो जरा सोचिये, ये कैसी आजादी !!!
और अगर जवाब “ना” में हैं… तो हम आवाज क्युँ नहीं उठाते ?
क्या आवाज उठाने में हमें डरना चाहिये ?
हो सकता हैं कि हमारे मन में डर भी उठे…
लेकिन जरा उन हजारों-लाखों क्रांतिकारियो के विषय में भी सोचे जिन्होने वंदेमातरम् कि गुंज उस माहोल में उठाई थी जब इसके जवाब में उनपर लाठीयाँ चला दी जाती थी !
उस कठिन समय में भी उन्होने गद्दारों को खुन भरी आँखे दिखाई जिसमें उनकी आँखे निकाल ली जाती!
और उन परिस्थिति में भी तिरंगे को हाथ से नहीं छुटने दिया जब उन्हे तोप के आगे खडा कर उडा दिया जाता था !!!
एसे लाखों क्रांतिकारीयों ने खुद को बलिदान किया ताकी इनकी पुश्ते, यानी की हम, सुख-चैन कि जिंदगी जी सके।
क्या आपकों नहीं लगता कि इन बलिदानीयों कि वजह से ही हमें आज उन परिस्थितियों से नहीं जुझना पड रहा जिन परिस्थितियों को मात्र सुनकर आज हमारे रोंगटे खडे हो जाते हैं।
जब ऐसे माहोल में भी हमारे पुरखों नें हौंसला नहीं छोडा तो आजादी के इस अंतीम दौर में हम क्यों पिछे हटे !!!
क्या हम अपना जिवन सिर्फ भोग-और-विलास के लिये गुजार दे !!!
जिस तरह से बलिदानीयों ने हमारे विषय में सोचा क्या हमारा फर्ज नहीं कि हम भी हमारी आने वाली पीढी के बारे में भी सोचे और इस भ्रष्टतंत्र और देश-द्रोही तंत्र को उखाड़ फेकें !!!
गुलामी का महासागर तो हमें हमारे विर स्वतंत्रता के सेनानीयों ने पार करवा दिया अब तो मात्र विचारों का युद्ध लडना हैं। और इस युद्ध का ब्रम्हास्त्र सिर्फ एक ही हैं और वो हैं सोशियल मिडीया।
हमें अपनी आवाज उठाने से कोई नहीं रोक सकता क्युँ की— स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं।
∴ सोशियल मिडीया में कार्यरत सभी क्रांतिकारीयों को कोटी-कोटी नमन∵
जय हिंद, जय भारत !!!