यह कोई मामूली खबर नहीं, ध्यान से पढ़े।
1 अक्टूबर से भारत के सभी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड ग्राहक अपने नेटवर्क को पोर्ट कर सकेंगे। जैसे आप अपने मोबाइल नेटवर्क को वोडाफोन, जियो और एयरटेल के बीच पोर्ट कर सकते हैं, वैसे ही अब कार्ड उपयोगकर्ता वीज़ा से मास्टरकार्ड से रुपे या किसी अन्य नेटवर्क या इसके विपरीत अपनी पसंद के नेटवर्क पर पोर्ट कर सकेंगे।
इस पेमेंट सर्विस पोर्टेबल निति से विदेशी मास्टर और वीजा जो अब तक हमें क्रेडिट और डेब्यू कार्ड के पीछे छुप कर गुलाम बनाये हुई थी अब हम भारतियों को रूपए सर्विस अपना कर आजादी मिलेगी। गौर करे, देश में एक देशभक्त सर्कार ही ऐसे फैसले ४करने में सक्षम हो सकती हैं अन्यथा ये मास्टर व वीजा जैसे विदेशी माफिया किसी भी कीमत पर ऐसे फैसले लेने वाली सरकार को खरीद लेते थे।
इसका असर:
1) भारत की रूपए प्रणाली और भी प्रखर रूप से उभरेगी व डालर की ताकत कमजोर होगी।
2) भारत भुगतान सर्विस में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर होगा।
3) मास्टर – वीजा को सर्विस चार्ज के रूप में विदेश जाने वाले करोडो रूपए की बचत।
तो तैयार रहे, १ ओक्टोबर के बाद अपने डेबिट / क्रेडिट कार्ड को रूपए में पोर्ट करने के लिए। क्यूंकि सरकार ने अपनी पहल कर दी हैं अब इसे सफलता दिलाने की हम भारतियों की जिम्मेदारी हैं।