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कांग्रेस का NPA काण्ड

अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में बहुत कुछ मजाकिया हुवा लेकिन सब कुछ मजाकिया नहीं था। प्रधानमंत्री के भाषण में कई महत्वपूर्ण व गंभीर खुलासे थे जिनमे एक था NPA (Nonperforming Assets) जिसके बारे में देश के हर नागरिक को जानना बेहद आवश्यक हैं। लेकिन आश्चर्य तो इस बात का हैं की कोई भी मिडिया ना तो जिम्मेदारी से इस विषय पर कोई बहस कर रहा और न ही कोई इस पर अपनी हेड लाइन बना रहा। NPA वह राशि होती जिसे एक बैंक द्वारा उद्योगपतियों को ऋण के रूप में दी जाती हैं किन्तु उद्योगपति उस पर न तो तय अनुसार व्याज भरता हैं और ना ही ऋण की मूल राशि लौटाता हैं।

संसद में प्रधानमंत्री ने NPA पर जो बताया उसने कांग्रेस के देश विरोधी चेहरे को पूरी तरह से उजागर करके रख दिया। NPA पर दिया नरेंद्र मोदी का बयान कोई साधारण बयान नहीं हैं, यह एक देश के प्रधानमंत्री द्वारा संसद के माध्यम से पुरे देश को सचेत करने वाला बयान हैं जिसकी गंभीरता पर कोई संदेह का प्रश्न नहीं बन सकता।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया की …
१) आजादी के बाद 60 वर्षो तक NPA का आंकड़ा मात्रा 18 लाख हजार करोड़ का हुवा करता था।
२) लेकिन कांग्रेस की पूर्व UPA सरकार की कालावधि के अंतिम 10 वर्षो में यह आंकड़ा 58 लाख हजार करोड़ तक चौका देने वाली गति से बढ़ गया।
३) कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने अपने चेहते उद्योगपतियों को अनगिनत व अनैतिक तरीकों से बैंको से भारी ऋण दिलवाये जो पुनः बैंको को कभी ना तो वापस लौटाया गया और ना ही इन चेहते उद्योगपतियों ने समय पर व्याज लौटाया।
४) कांग्रेस के चेहते उद्योगपतियों को UPA सरकार के मंत्रियों ने एक बार नहीं कई बार ऋण दिलवाया, एक ऋण की भरपाई के लिए दूसरा ऋण , दूसरे के लिए तीसरा ऋण और इसी तरह ऋण देते देते आंकड़ा 58 लाख हजार करोड़ के भी पार पहुंचा दिया।
५) जब पूर्व की कांग्रेस के मंत्रियों को यह आभास हो गया की देश की जनता इनको अगले चुनाव में सत्ता से उठा कर पटकने वाली हैं तो इन्होने NPA के जरिये ऐसा षड़यंत्र रचा जिससे देश बदहाली के गर्क में चला जाए और आनेवाली सरकार उसीमें झूझती रह जाए ।
६) देश की सभी बड़ी बैंको का जमा पैसा उठा कर अपने चेहते उद्योगपतियों में बाट कर कांग्रेस की UPA सरकार ने बैंको को कंगाल कर दिया था लेकिन फिर भी जब संसद में NPA पर आंकड़े रखने का विषय उठा तो इन्होने गलत आंकड़े रख कर न केवल संसद का अपमान किया बल्कि देश की जनता को भी अँधेरे में रखा। उस समय इन्होने NPA का आंकड़ा 58 की जगह मात्रा 38 लाख हजार करोड़ का बताया था।
७) 2014 में हमने जब सरकार संभाली तब देश की तिजोरी सहित बैंक भी खाली पड़े थे। यदि आज भी कांग्रेस की UPA सरकार सत्ता में होती तो देश बर्बादी की भयावह तश्वीर के दौर से गुजर रहा होता। वो तो भला हो देश की जनता का जिन्होंने इन्हे सत्ता से उठा पटका, इसके लिए देश जनता का आभार हमें मानना चाहिए।
८) इस NPA कांड ने फिर एक बार यह सिद्ध किया हैं की कांग्रेस पार्टी का देश हित से कोई लेना-देना नहीं हैं, ये मात्र एक परिवार को पूजने वाली पार्टी हैं, इनकी आस्था, इनकी भक्ति केवल और केवल एक परिवार को ही समर्पित हैं।

देश के सभी जागृत भारतियों से करबद्ध निवेदन हैं की कांग्रेस के इस NPA कांड को जन-जन तक पहुंचाए जिससे लोग कांग्रेस के भारत विरोधी रूप को पहचान सके और भविष्य में इनके प्रति सतर्कता बरते। इससे यह तो हर कोई आसानी से समझ सकता हैं की कांग्रेस सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर सकती हैं फिर चाहे देश ही बलि क्यों ना चढ़ जाए।

।। वन्देमातरम।।