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एक तरफ आसाराम, एक तरफ पादरी फ्रैंको मुलक्कल

अधिकतर हिन्दू कितने बड़े मूर्ख होते हैं ये अब बलात्कारी पादरी फ्रैंको मुलक्कल को मिली जमानत के बाद कई लोगों को समझ में आ रहा हैं।

केरल की नन ने जालंधर के ईसाई पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर कई बार रेप करने का आरोप लगाया, उनके समर्थन में कई नने भी सामने आई थी, जिसके कारण पिछले महीने बिशप को केरल की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था पर उसे मात्र 21 दिन में ही जमानत दे दी गई, ये वहीं न्यायालय हैं जिसने हिन्दू संत आसाराम बापू को 5 साल में 1 दिन की भी जमानत नहीं दी थी, इसी कारण अब जा कर मूर्ख हिन्दुओं की थोड़ी आंखे खुली व जनता में भारी रोष देखने को मिला ।

जब आसाराम बापू पर आरोप लगा था तब लगभग सभी हिन्दुओं ने मीडिया में चल रही बकवास के झांसे में आकर उनका विरोध किया था। जब की आज भी यह हकीकत हैं की उनकी FIR में भी बलात्कार का जिक्र नहीं किया गया उन्हें जो सजा मिली POSCO एक्ट के तहत नाबालिग से छेड़छाड़ की मिली।

पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर जो आरोप लगा वह पूर्ण रूप से बलात्कार का हैं वह भी तेरह दिन लगातार बलात्कार करने का जिसके विरोध में एक नहीं दर्जनों नन सामने भी आईं और महीनों अनशन भी किया। तब जाकर मुशिकल से उसकी गिरफ्तारी हुई लेकिन मात्र 21 दिनों में उसी न्याय पालिका ने जमानत पर रिहा कर दिया जिसने पांच साल में एक दिन कि भी जमानत आसाराम बापू को नहीं दी थी। *गौरतलब हो कि इस पादरी के छूटते ही प्रमुख गवाह की हत्या भी हो चुकी हैं।*
( Check out @azad_nishant’s Tweet: https://twitter.com/azad_nishant/status/1054340185939308544?s=09 )

मूर्ख हिन्दुओं और शातिर इसाइयों में फर्क

— मूर्ख हिन्दुओं ने तुरंत आसाराम बापू का विरोध शुरू कर दिया जब की आसाराम बापू ने अपने समय में ना केवल आदिवासियों का ईसाई धर्मांतरण रुकवाया बल्कि हजारों की हिन्दू धर्म में घर वापसी भी कराई।

— शातिर इसाइयों ने बलात्कारी पादरी के पक्ष में पूरी एक जुटता दिखाई, किसी भी ईसाई ने ननो का साथ नहीं दिया क्योंकि वे जानते हैं पादरी हिन्दुओं को धर्मांतरण करवा कर ईसाई बनाता हैं जिससे इन इसाइयों की ताकत बढ़ती है।

— मूर्ख हिन्दुओं ने आसाराम बापू को लेकर अपने ही संतों के उपर कई तरह के भद्दे मजाक बनाए जो आज भी जारी हैं, इसमें किसी भी हिन्दू को कोई संकोच कभी महसूस नहीं होता।

— जबकि शातिर इसाइयों ने अपने बलात्कारी पादरी के सम्मान को कम नहीं होने दिया और उसके जमानत पर छूटते ही भव्य रूप से बलात्कारी पादरी का स्वागत किया।

जहां आसाराम बापू के विरोध में पूरा का पूरा मीडिया जगत महीनों भर दुनिया सिर पर उठाता रहा वहीं बलात्कारी पादरी के केस में वहीं मीडिया मुंह दबाए बैठा रहा लिकेन मूर्ख हिन्दुओं ने कभी हिन्दू विरोधी मीडिया पर कोई सवाल नही किया। इसी तरह जिस न्यायालय ने उन्हें पांच साल तक कोई जमानत नहीं दी उसी न्यायालय ने मात्र 21 दिनों में बलात्कारी पादरी को जमानत पर रिहा कर अपनी दोगली व हिन्दू विरोधी मानसिकता को खुल कर जता दिया कि वे हिन्दू विरोध में कोई भी फैसला ले सकते हैं।

न्यायालय द्वारा बलात्कारी पादरी को रिहा करने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर जमकर प्रतिक्रिया दी….

🚩1.)सुप्रीम कोर्ट के वकील इशकरण भंडारी कहते हैं कि एक तरफ तो केरल के बिशप फ्रैंको मुल्लकल जिसके समर्थन में उसका पूरा समुदाय खड़ा था और पूरी तरह से सक्रिय भी था। और दूसरी ओर जिस तरह से आसाराम बापू जी को उनके ही लोगों ने दोषारोपण करके उनके केस को न तो पूरा पढ़ा और न सच्चाई जानने की कोशिश की, बस सब मीडिया द्वारा दिखाई गयी खबरों के आधार पर माना गया। इससे साफ होता है कि हमारे देश पर उदार परितंत्र शासन कर रहा है।

🚩2.) सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संस्थापक सुरेश चव्हाण ने लिखा है कि 13 बार के बलात्कारी पादरी को तो 21 दिन में बेल । लेकिन ज़िनके FIR में भी बलात्कार का आरोप नहीं लिखा है उन #आसाराम_बापू को पाँच साल में एक दिन भी ज़मानत नहीं मिली क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण की दुकानों को बंद किया था। #ईसाई कितने शक्तिशाली हैं यह बताने के लिए यह बड़ा उदाहरण है । https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1051885698788155392?s=08

🚩3.) प्रशान्त पटेल उमराव लिखते है कि रेपिस्ट बिशप फ्रैंको के समर्थन में पूरा समुदाय व चर्च खड़ा था और उसे जमानत मिल गयी परंतु चर्च के धर्मांतरण के विरुद्ध लड़ने वाले आसाराम बापू के फर्जी केस में फंसने पर उन्हें गाली देने वाले स्वधर्मी ही हैं । फिर भी आप पूँछते हैं कि लेफ्ट का इकोसिस्टम कैसे भारत में राज कर रहा है ?
https://twitter.com/ippatel/status/1051745760692162560?s=19

🚩4.) राजेश तामडे़त ने व्यंग करते हुए, देश के कानून की दोहरी छवि पर सवाल उठाते हुए कहा कि गजब है भाई.. इतने संगीन आरोप होने के बाद भी इन्हें बेल मिल गया.. वहीं आशाराम बापू अब भी जेल में हैं… अंग्रेज चले गए पर अपने कानून छोड़ गए…
जाने किसे सजा दे दें, जाने किसे रफा दे दें…

🚩5.) सचिन का कहना है कि जज साहब का निर्णय उन्हें संदेह के घेरे में लाता है,,,, हिंदुओ का धर्म परिवर्तन नहीं होने देने वाले, फर्जी आरोप में बिना सबूत के सालों से जेल में हैं और धर्म परिवर्तन, रेप करने वाले कुछ ही दिन में बाहर आ गए ! लगता है मोटा चढ़ावा चढ़ा है ।

🚩6.) शकरजीत भदौरिया कहते हैं कि
देख लो भाईसाहब, ये है रोम की ताकत
क्रिस्चियन धर्म के लोगों ने विरोध किया नहीं
उनके खिलाफ एक भी व्यक्ति नहीं बोला
न्यूज चैनलों से रिपोर्ट ही गायब रही
अपने यहाँ न्यूज़ चैनलों ने आसाराम बापू के खिलाफ 3 महीने तक लगातार नौटंकी चलाई कितनो ने विरोध किया हमने खुद धर्म का मज़ाक बनाया है ।

🚩7.) करुणासागर लिखते हैं कि फ्रैंको मुल्लकल (54) को चर्च में नन के साथ बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में गिरफ्तारी के 3 ही हफ्तों में बेल मिल गई… आसाराम बापू (74) के केस में छेड़छाड़ के मामले में 2013 से बेल खारिज की गई… पहले तो उपद्रव चयनात्मक हुआ करते थे अब तो बेल भी चयनात्मक हो गई,
शर्मनाक

🚩8.) जवाहर मंगलमपाल कहते हैं कि तो, हमारी न्याय व्यवस्था क्या चर्च के साथ मिलकर फैसला देती है ? और क्या मस्जिद के ऊपर सख्ती से कार्यवाही करने से डरती है ? देश/जनता अब निश्चित ही मान रही है कि न्याय व्यवस्था पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती है हिन्दू/हिंदुत्व के साथ । क्यूँ आशाराम बापूजी को बेल नहीं मिली जबकि बिशप को मिली? क्या अब ये न्यायपालिका के ऊपर है कि वो किस पर खरी उतरती है ?
https://twitter.com/JMangalampall/status/1051870648228691969?s=08

🚩9.) उधय शंकर का कहना है कि ऐसा लगता है कांग्रेस की सरकार नहीं है फिर भी ये राष्ट्र हिंदुओं के लिए नहीं है, क्या न्यायालय के फैसले मीडिया के चयनात्मक उपद्रवों पर आधरित होते हैं ? फ्रैंको की तुलना में आसाराम बापू के ऊपर लगे आरोपों को दिखाने में मीडिया द्वारा करीब 100 गुणा अधिक समय दिया गया था जबकि फ्रैंको के ऊपर लगे आरोप ज्यादा संगीन हैं ।
https://twitter.com/UDHAYSHANKARTR/status/1051909908910682112?s=19

🚩10.)निशांत लिखते हैं कि लेकिन आसाराम बापू को उसी प्रकार के अपराध के लिए सालों से बेल नहीं मिली । क्या कोई बिशप के केस में मिले इस विशेष मेरिट की व्याख्या कर सकता है?
यहाँ तक कि प्रमुख वकील राम जेठमलानी भी न्यायपालिका को आसाराम के कानूनी मामले पर जमानत देने के लिए नहीं मना पाए ।
यहाँ इस तरह के दो फैसले क्यों ?

🚩11.) आशीष जैन का कहना है कि आसाराम बापू को बेल नहीं दी गई क्योंकि वो ईसाई धर्मान्तरण के खिलाफ लड़ रहे थे । वो सदैव हिंदुत्व के साथ ही थे किंतु मूर्ख हिंदुओं ने उनपर #MeToo के लिए दोषारोपण किया । मैं प्रार्थना करता हूँ कि वो बिना जमानत के ही जेल से बाहर आ जाएं ।
https://twitter.com/jain78ak/status/1051734674119086080?s=19

एक तरफ आसाराम, एक तरफ पादरी फ्रैंको मुलक्कल

अधिकतर हिन्दू कितने बड़े मूर्ख होते हैं ये अब बलात्कारी पादरी फ्रैंको मुलक्कल को मिली जमानत के बाद कई लोगों को समझ में आ रहा हैं।

केरल की नन ने जालंधर के ईसाई पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर कई बार रेप करने का आरोप लगाया, उनके समर्थन में कई नने भी सामने आई थी, जिसके कारण पिछले महीने बिशप को केरल की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था पर उसे मात्र 21 दिन में ही जमानत दे दी गई, ये वहीं न्यायालय हैं जिसने हिन्दू संत आसाराम बापू को 5 साल में 1 दिन की भी जमानत नहीं दी थी, इसी कारण अब जा कर मूर्ख हिन्दुओं की थोड़ी आंखे खुली व जनता में भारी रोष देखने को मिला ।

जब आसाराम बापू पर आरोप लगा था तब लगभग सभी हिन्दुओं ने मीडिया में चल रही बकवास के झांसे में आकर उनका विरोध किया था। जब की आज भी यह हकीकत हैं की उनकी FIR में भी बलात्कार का जिक्र नहीं किया गया उन्हें जो सजा मिली POSCO एक्ट के तहत नाबालिग से छेड़छाड़ की मिली।

पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर जो आरोप लगा वह पूर्ण रूप से बलात्कार का हैं वह भी तेरह दिन लगातार बलात्कार करने का जिसके विरोध में एक नहीं दर्जनों नन सामने भी आईं और महीनों अनशन भी किया। तब जाकर मुशिकल से उसकी गिरफ्तारी हुई लेकिन मात्र 21 दिनों में उसी न्याय पालिका ने जमानत पर रिहा कर दिया जिसने पांच साल में एक दिन कि भी जमानत आसाराम बापू को नहीं दी थी। *गौरतलब हो कि इस पादरी के छूटते ही प्रमुख गवाह की हत्या भी हो चुकी हैं।*
( Check out @azad_nishant’s Tweet: https://twitter.com/azad_nishant/status/1054340185939308544?s=09 )

मूर्ख हिन्दुओं और शातिर इसाइयों में फर्क

— मूर्ख हिन्दुओं ने तुरंत आसाराम बापू का विरोध शुरू कर दिया जब की आसाराम बापू ने अपने समय में ना केवल आदिवासियों का ईसाई धर्मांतरण रुकवाया बल्कि हजारों की हिन्दू धर्म में घर वापसी भी कराई।

— शातिर इसाइयों ने बलात्कारी पादरी के पक्ष में पूरी एक जुटता दिखाई, किसी भी ईसाई ने ननो का साथ नहीं दिया क्योंकि वे जानते हैं पादरी हिन्दुओं को धर्मांतरण करवा कर ईसाई बनाता हैं जिससे इन इसाइयों की ताकत बढ़ती है।

— मूर्ख हिन्दुओं ने आसाराम बापू को लेकर अपने ही संतों के उपर कई तरह के भद्दे मजाक बनाए जो आज भी जारी हैं, इसमें किसी भी हिन्दू को कोई संकोच कभी महसूस नहीं होता।

— जबकि शातिर इसाइयों ने अपने बलात्कारी पादरी के सम्मान को कम नहीं होने दिया और उसके जमानत पर छूटते ही भव्य रूप से बलात्कारी पादरी का स्वागत किया।

जहां आसाराम बापू के विरोध में पूरा का पूरा मीडिया जगत महीनों भर दुनिया सिर पर उठाता रहा वहीं बलात्कारी पादरी के केस में वहीं मीडिया मुंह दबाए बैठा रहा लिकेन मूर्ख हिन्दुओं ने कभी हिन्दू विरोधी मीडिया पर कोई सवाल नही किया। इसी तरह जिस न्यायालय ने उन्हें पांच साल तक कोई जमानत नहीं दी उसी न्यायालय ने मात्र 21 दिनों में बलात्कारी पादरी को जमानत पर रिहा कर अपनी दोगली व हिन्दू विरोधी मानसिकता को खुल कर जता दिया कि वे हिन्दू विरोध में कोई भी फैसला ले सकते हैं।

न्यायालय द्वारा बलात्कारी पादरी को रिहा करने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर जमकर प्रतिक्रिया दी….

🚩1.)सुप्रीम कोर्ट के वकील इशकरण भंडारी कहते हैं कि एक तरफ तो केरल के बिशप फ्रैंको मुल्लकल जिसके समर्थन में उसका पूरा समुदाय खड़ा था और पूरी तरह से सक्रिय भी था। और दूसरी ओर जिस तरह से आसाराम बापू जी को उनके ही लोगों ने दोषारोपण करके उनके केस को न तो पूरा पढ़ा और न सच्चाई जानने की कोशिश की, बस सब मीडिया द्वारा दिखाई गयी खबरों के आधार पर माना गया। इससे साफ होता है कि हमारे देश पर उदार परितंत्र शासन कर रहा है।

🚩2.) सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संस्थापक सुरेश चव्हाण ने लिखा है कि 13 बार के बलात्कारी पादरी को तो 21 दिन में बेल । लेकिन ज़िनके FIR में भी बलात्कार का आरोप नहीं लिखा है उन #आसाराम_बापू को पाँच साल में एक दिन भी ज़मानत नहीं मिली क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण की दुकानों को बंद किया था। #ईसाई कितने शक्तिशाली हैं यह बताने के लिए यह बड़ा उदाहरण है । https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1051885698788155392?s=08

🚩3.) प्रशान्त पटेल उमराव लिखते है कि रेपिस्ट बिशप फ्रैंको के समर्थन में पूरा समुदाय व चर्च खड़ा था और उसे जमानत मिल गयी परंतु चर्च के धर्मांतरण के विरुद्ध लड़ने वाले आसाराम बापू के फर्जी केस में फंसने पर उन्हें गाली देने वाले स्वधर्मी ही हैं । फिर भी आप पूँछते हैं कि लेफ्ट का इकोसिस्टम कैसे भारत में राज कर रहा है ?
https://twitter.com/ippatel/status/1051745760692162560?s=19

🚩4.) राजेश तामडे़त ने व्यंग करते हुए, देश के कानून की दोहरी छवि पर सवाल उठाते हुए कहा कि गजब है भाई.. इतने संगीन आरोप होने के बाद भी इन्हें बेल मिल गया.. वहीं आशाराम बापू अब भी जेल में हैं… अंग्रेज चले गए पर अपने कानून छोड़ गए…
जाने किसे सजा दे दें, जाने किसे रफा दे दें…

🚩5.) सचिन का कहना है कि जज साहब का निर्णय उन्हें संदेह के घेरे में लाता है,,,, हिंदुओ का धर्म परिवर्तन नहीं होने देने वाले, फर्जी आरोप में बिना सबूत के सालों से जेल में हैं और धर्म परिवर्तन, रेप करने वाले कुछ ही दिन में बाहर आ गए ! लगता है मोटा चढ़ावा चढ़ा है ।

🚩6.) शकरजीत भदौरिया कहते हैं कि
देख लो भाईसाहब, ये है रोम की ताकत
क्रिस्चियन धर्म के लोगों ने विरोध किया नहीं
उनके खिलाफ एक भी व्यक्ति नहीं बोला
न्यूज चैनलों से रिपोर्ट ही गायब रही
अपने यहाँ न्यूज़ चैनलों ने आसाराम बापू के खिलाफ 3 महीने तक लगातार नौटंकी चलाई कितनो ने विरोध किया हमने खुद धर्म का मज़ाक बनाया है ।

🚩7.) करुणासागर लिखते हैं कि फ्रैंको मुल्लकल (54) को चर्च में नन के साथ बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में गिरफ्तारी के 3 ही हफ्तों में बेल मिल गई… आसाराम बापू (74) के केस में छेड़छाड़ के मामले में 2013 से बेल खारिज की गई… पहले तो उपद्रव चयनात्मक हुआ करते थे अब तो बेल भी चयनात्मक हो गई,
शर्मनाक

🚩8.) जवाहर मंगलमपाल कहते हैं कि तो, हमारी न्याय व्यवस्था क्या चर्च के साथ मिलकर फैसला देती है ? और क्या मस्जिद के ऊपर सख्ती से कार्यवाही करने से डरती है ? देश/जनता अब निश्चित ही मान रही है कि न्याय व्यवस्था पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती है हिन्दू/हिंदुत्व के साथ । क्यूँ आशाराम बापूजी को बेल नहीं मिली जबकि बिशप को मिली? क्या अब ये न्यायपालिका के ऊपर है कि वो किस पर खरी उतरती है ?
https://twitter.com/JMangalampall/status/1051870648228691969?s=08

🚩9.) उधय शंकर का कहना है कि ऐसा लगता है कांग्रेस की सरकार नहीं है फिर भी ये राष्ट्र हिंदुओं के लिए नहीं है, क्या न्यायालय के फैसले मीडिया के चयनात्मक उपद्रवों पर आधरित होते हैं ? फ्रैंको की तुलना में आसाराम बापू के ऊपर लगे आरोपों को दिखाने में मीडिया द्वारा करीब 100 गुणा अधिक समय दिया गया था जबकि फ्रैंको के ऊपर लगे आरोप ज्यादा संगीन हैं ।
https://twitter.com/UDHAYSHANKARTR/status/1051909908910682112?s=19

🚩10.)निशांत लिखते हैं कि लेकिन आसाराम बापू को उसी प्रकार के अपराध के लिए सालों से बेल नहीं मिली । क्या कोई बिशप के केस में मिले इस विशेष मेरिट की व्याख्या कर सकता है?
यहाँ तक कि प्रमुख वकील राम जेठमलानी भी न्यायपालिका को आसाराम के कानूनी मामले पर जमानत देने के लिए नहीं मना पाए ।
यहाँ इस तरह के दो फैसले क्यों ?

🚩11.) आशीष जैन का कहना है कि आसाराम बापू को बेल नहीं दी गई क्योंकि वो ईसाई धर्मान्तरण के खिलाफ लड़ रहे थे । वो सदैव हिंदुत्व के साथ ही थे किंतु मूर्ख हिंदुओं ने उनपर #MeToo के लिए दोषारोपण किया । मैं प्रार्थना करता हूँ कि वो बिना जमानत के ही जेल से बाहर आ जाएं ।
https://twitter.com/jain78ak/status/1051734674119086080?s=19

एक तरफ आसाराम, एक तरफ पादरी फ्रैंको मुलक्कल

अधिकतर हिन्दू कितने बड़े मूर्ख होते हैं ये अब बलात्कारी पादरी फ्रैंको मुलक्कल को मिली जमानत के बाद कई लोगों को समझ में आ रहा हैं।

केरल की नन ने जालंधर के ईसाई पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर कई बार रेप करने का आरोप लगाया, उनके समर्थन में कई नने भी सामने आई थी, जिसके कारण पिछले महीने बिशप को केरल की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था पर उसे मात्र 21 दिन में ही जमानत दे दी गई, ये वहीं न्यायालय हैं जिसने हिन्दू संत आसाराम बापू को 5 साल में 1 दिन की भी जमानत नहीं दी थी, इसी कारण अब जा कर मूर्ख हिन्दुओं की थोड़ी आंखे खुली व जनता में भारी रोष देखने को मिला ।

जब आसाराम बापू पर आरोप लगा था तब लगभग सभी हिन्दुओं ने मीडिया में चल रही बकवास के झांसे में आकर उनका विरोध किया था। जब की आज भी यह हकीकत हैं की उनकी FIR में भी बलात्कार का जिक्र नहीं किया गया उन्हें जो सजा मिली POSCO एक्ट के तहत नाबालिग से छेड़छाड़ की मिली।

पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर जो आरोप लगा वह पूर्ण रूप से बलात्कार का हैं वह भी तेरह दिन लगातार बलात्कार करने का जिसके विरोध में एक नहीं दर्जनों नन सामने भी आईं और महीनों अनशन भी किया। तब जाकर मुशिकल से उसकी गिरफ्तारी हुई लेकिन मात्र 21 दिनों में उसी न्याय पालिका ने जमानत पर रिहा कर दिया जिसने पांच साल में एक दिन कि भी जमानत आसाराम बापू को नहीं दी थी। *गौरतलब हो कि इस पादरी के छूटते ही प्रमुख गवाह की हत्या भी हो चुकी हैं।*
( Check out @azad_nishant’s Tweet: https://twitter.com/azad_nishant/status/1054340185939308544?s=09 )

मूर्ख हिन्दुओं और शातिर इसाइयों में फर्क

— मूर्ख हिन्दुओं ने तुरंत आसाराम बापू का विरोध शुरू कर दिया जब की आसाराम बापू ने अपने समय में ना केवल आदिवासियों का ईसाई धर्मांतरण रुकवाया बल्कि हजारों की हिन्दू धर्म में घर वापसी भी कराई।

— शातिर इसाइयों ने बलात्कारी पादरी के पक्ष में पूरी एक जुटता दिखाई, किसी भी ईसाई ने ननो का साथ नहीं दिया क्योंकि वे जानते हैं पादरी हिन्दुओं को धर्मांतरण करवा कर ईसाई बनाता हैं जिससे इन इसाइयों की ताकत बढ़ती है।

— मूर्ख हिन्दुओं ने आसाराम बापू को लेकर अपने ही संतों के उपर कई तरह के भद्दे मजाक बनाए जो आज भी जारी हैं, इसमें किसी भी हिन्दू को कोई संकोच कभी महसूस नहीं होता।

— जबकि शातिर इसाइयों ने अपने बलात्कारी पादरी के सम्मान को कम नहीं होने दिया और उसके जमानत पर छूटते ही भव्य रूप से बलात्कारी पादरी का स्वागत किया।

जहां आसाराम बापू के विरोध में पूरा का पूरा मीडिया जगत महीनों भर दुनिया सिर पर उठाता रहा वहीं बलात्कारी पादरी के केस में वहीं मीडिया मुंह दबाए बैठा रहा लिकेन मूर्ख हिन्दुओं ने कभी हिन्दू विरोधी मीडिया पर कोई सवाल नही किया। इसी तरह जिस न्यायालय ने उन्हें पांच साल तक कोई जमानत नहीं दी उसी न्यायालय ने मात्र 21 दिनों में बलात्कारी पादरी को जमानत पर रिहा कर अपनी दोगली व हिन्दू विरोधी मानसिकता को खुल कर जता दिया कि वे हिन्दू विरोध में कोई भी फैसला ले सकते हैं।

न्यायालय द्वारा बलात्कारी पादरी को रिहा करने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर जमकर प्रतिक्रिया दी….

🚩1.)सुप्रीम कोर्ट के वकील इशकरण भंडारी कहते हैं कि एक तरफ तो केरल के बिशप फ्रैंको मुल्लकल जिसके समर्थन में उसका पूरा समुदाय खड़ा था और पूरी तरह से सक्रिय भी था। और दूसरी ओर जिस तरह से आसाराम बापू जी को उनके ही लोगों ने दोषारोपण करके उनके केस को न तो पूरा पढ़ा और न सच्चाई जानने की कोशिश की, बस सब मीडिया द्वारा दिखाई गयी खबरों के आधार पर माना गया। इससे साफ होता है कि हमारे देश पर उदार परितंत्र शासन कर रहा है।

🚩2.) सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संस्थापक सुरेश चव्हाण ने लिखा है कि 13 बार के बलात्कारी पादरी को तो 21 दिन में बेल । लेकिन ज़िनके FIR में भी बलात्कार का आरोप नहीं लिखा है उन #आसाराम_बापू को पाँच साल में एक दिन भी ज़मानत नहीं मिली क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण की दुकानों को बंद किया था। #ईसाई कितने शक्तिशाली हैं यह बताने के लिए यह बड़ा उदाहरण है । https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1051885698788155392?s=08

🚩3.) प्रशान्त पटेल उमराव लिखते है कि रेपिस्ट बिशप फ्रैंको के समर्थन में पूरा समुदाय व चर्च खड़ा था और उसे जमानत मिल गयी परंतु चर्च के धर्मांतरण के विरुद्ध लड़ने वाले आसाराम बापू के फर्जी केस में फंसने पर उन्हें गाली देने वाले स्वधर्मी ही हैं । फिर भी आप पूँछते हैं कि लेफ्ट का इकोसिस्टम कैसे भारत में राज कर रहा है ?
https://twitter.com/ippatel/status/1051745760692162560?s=19

🚩4.) राजेश तामडे़त ने व्यंग करते हुए, देश के कानून की दोहरी छवि पर सवाल उठाते हुए कहा कि गजब है भाई.. इतने संगीन आरोप होने के बाद भी इन्हें बेल मिल गया.. वहीं आशाराम बापू अब भी जेल में हैं… अंग्रेज चले गए पर अपने कानून छोड़ गए…
जाने किसे सजा दे दें, जाने किसे रफा दे दें…

🚩5.) सचिन का कहना है कि जज साहब का निर्णय उन्हें संदेह के घेरे में लाता है,,,, हिंदुओ का धर्म परिवर्तन नहीं होने देने वाले, फर्जी आरोप में बिना सबूत के सालों से जेल में हैं और धर्म परिवर्तन, रेप करने वाले कुछ ही दिन में बाहर आ गए ! लगता है मोटा चढ़ावा चढ़ा है ।

🚩6.) शकरजीत भदौरिया कहते हैं कि
देख लो भाईसाहब, ये है रोम की ताकत
क्रिस्चियन धर्म के लोगों ने विरोध किया नहीं
उनके खिलाफ एक भी व्यक्ति नहीं बोला
न्यूज चैनलों से रिपोर्ट ही गायब रही
अपने यहाँ न्यूज़ चैनलों ने आसाराम बापू के खिलाफ 3 महीने तक लगातार नौटंकी चलाई कितनो ने विरोध किया हमने खुद धर्म का मज़ाक बनाया है ।

🚩7.) करुणासागर लिखते हैं कि फ्रैंको मुल्लकल (54) को चर्च में नन के साथ बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में गिरफ्तारी के 3 ही हफ्तों में बेल मिल गई… आसाराम बापू (74) के केस में छेड़छाड़ के मामले में 2013 से बेल खारिज की गई… पहले तो उपद्रव चयनात्मक हुआ करते थे अब तो बेल भी चयनात्मक हो गई,
शर्मनाक

🚩8.) जवाहर मंगलमपाल कहते हैं कि तो, हमारी न्याय व्यवस्था क्या चर्च के साथ मिलकर फैसला देती है ? और क्या मस्जिद के ऊपर सख्ती से कार्यवाही करने से डरती है ? देश/जनता अब निश्चित ही मान रही है कि न्याय व्यवस्था पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती है हिन्दू/हिंदुत्व के साथ । क्यूँ आशाराम बापूजी को बेल नहीं मिली जबकि बिशप को मिली? क्या अब ये न्यायपालिका के ऊपर है कि वो किस पर खरी उतरती है ?
https://twitter.com/JMangalampall/status/1051870648228691969?s=08

🚩9.) उधय शंकर का कहना है कि ऐसा लगता है कांग्रेस की सरकार नहीं है फिर भी ये राष्ट्र हिंदुओं के लिए नहीं है, क्या न्यायालय के फैसले मीडिया के चयनात्मक उपद्रवों पर आधरित होते हैं ? फ्रैंको की तुलना में आसाराम बापू के ऊपर लगे आरोपों को दिखाने में मीडिया द्वारा करीब 100 गुणा अधिक समय दिया गया था जबकि फ्रैंको के ऊपर लगे आरोप ज्यादा संगीन हैं ।
https://twitter.com/UDHAYSHANKARTR/status/1051909908910682112?s=19

🚩10.)निशांत लिखते हैं कि लेकिन आसाराम बापू को उसी प्रकार के अपराध के लिए सालों से बेल नहीं मिली । क्या कोई बिशप के केस में मिले इस विशेष मेरिट की व्याख्या कर सकता है?
यहाँ तक कि प्रमुख वकील राम जेठमलानी भी न्यायपालिका को आसाराम के कानूनी मामले पर जमानत देने के लिए नहीं मना पाए ।
यहाँ इस तरह के दो फैसले क्यों ?

🚩11.) आशीष जैन का कहना है कि आसाराम बापू को बेल नहीं दी गई क्योंकि वो ईसाई धर्मान्तरण के खिलाफ लड़ रहे थे । वो सदैव हिंदुत्व के साथ ही थे किंतु मूर्ख हिंदुओं ने उनपर #MeToo के लिए दोषारोपण किया । मैं प्रार्थना करता हूँ कि वो बिना जमानत के ही जेल से बाहर आ जाएं ।
https://twitter.com/jain78ak/status/1051734674119086080?s=19

एक तरफ आसाराम, एक तरफ पादरी फ्रैंको मुलक्कल

अधिकतर हिन्दू कितने बड़े मूर्ख होते हैं ये अब बलात्कारी पादरी फ्रैंको मुलक्कल को मिली जमानत के बाद कई लोगों को समझ में आ रहा हैं।

केरल की नन ने जालंधर के ईसाई पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर कई बार रेप करने का आरोप लगाया, उनके समर्थन में कई नने भी सामने आई थी, जिसके कारण पिछले महीने बिशप को केरल की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था पर उसे मात्र 21 दिन में ही जमानत दे दी गई, ये वहीं न्यायालय हैं जिसने हिन्दू संत आसाराम बापू को 5 साल में 1 दिन की भी जमानत नहीं दी थी, इसी कारण अब जा कर मूर्ख हिन्दुओं की थोड़ी आंखे खुली व जनता में भारी रोष देखने को मिला ।

जब आसाराम बापू पर आरोप लगा था तब लगभग सभी हिन्दुओं ने मीडिया में चल रही बकवास के झांसे में आकर उनका विरोध किया था। जब की आज भी यह हकीकत हैं की उनकी FIR में भी बलात्कार का जिक्र नहीं किया गया उन्हें जो सजा मिली POSCO एक्ट के तहत नाबालिग से छेड़छाड़ की मिली।

पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर जो आरोप लगा वह पूर्ण रूप से बलात्कार का हैं वह भी तेरह दिन लगातार बलात्कार करने का जिसके विरोध में एक नहीं दर्जनों नन सामने भी आईं और महीनों अनशन भी किया। तब जाकर मुशिकल से उसकी गिरफ्तारी हुई लेकिन मात्र 21 दिनों में उसी न्याय पालिका ने जमानत पर रिहा कर दिया जिसने पांच साल में एक दिन कि भी जमानत आसाराम बापू को नहीं दी थी। *गौरतलब हो कि इस पादरी के छूटते ही प्रमुख गवाह की हत्या भी हो चुकी हैं।*
( Check out @azad_nishant’s Tweet: https://twitter.com/azad_nishant/status/1054340185939308544?s=09 )

मूर्ख हिन्दुओं और शातिर इसाइयों में फर्क

— मूर्ख हिन्दुओं ने तुरंत आसाराम बापू का विरोध शुरू कर दिया जब की आसाराम बापू ने अपने समय में ना केवल आदिवासियों का ईसाई धर्मांतरण रुकवाया बल्कि हजारों की हिन्दू धर्म में घर वापसी भी कराई।

— शातिर इसाइयों ने बलात्कारी पादरी के पक्ष में पूरी एक जुटता दिखाई, किसी भी ईसाई ने ननो का साथ नहीं दिया क्योंकि वे जानते हैं पादरी हिन्दुओं को धर्मांतरण करवा कर ईसाई बनाता हैं जिससे इन इसाइयों की ताकत बढ़ती है।

— मूर्ख हिन्दुओं ने आसाराम बापू को लेकर अपने ही संतों के उपर कई तरह के भद्दे मजाक बनाए जो आज भी जारी हैं, इसमें किसी भी हिन्दू को कोई संकोच कभी महसूस नहीं होता।

— जबकि शातिर इसाइयों ने अपने बलात्कारी पादरी के सम्मान को कम नहीं होने दिया और उसके जमानत पर छूटते ही भव्य रूप से बलात्कारी पादरी का स्वागत किया।

जहां आसाराम बापू के विरोध में पूरा का पूरा मीडिया जगत महीनों भर दुनिया सिर पर उठाता रहा वहीं बलात्कारी पादरी के केस में वहीं मीडिया मुंह दबाए बैठा रहा लिकेन मूर्ख हिन्दुओं ने कभी हिन्दू विरोधी मीडिया पर कोई सवाल नही किया। इसी तरह जिस न्यायालय ने उन्हें पांच साल तक कोई जमानत नहीं दी उसी न्यायालय ने मात्र 21 दिनों में बलात्कारी पादरी को जमानत पर रिहा कर अपनी दोगली व हिन्दू विरोधी मानसिकता को खुल कर जता दिया कि वे हिन्दू विरोध में कोई भी फैसला ले सकते हैं।

न्यायालय द्वारा बलात्कारी पादरी को रिहा करने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर जमकर प्रतिक्रिया दी….

🚩1.)सुप्रीम कोर्ट के वकील इशकरण भंडारी कहते हैं कि एक तरफ तो केरल के बिशप फ्रैंको मुल्लकल जिसके समर्थन में उसका पूरा समुदाय खड़ा था और पूरी तरह से सक्रिय भी था। और दूसरी ओर जिस तरह से आसाराम बापू जी को उनके ही लोगों ने दोषारोपण करके उनके केस को न तो पूरा पढ़ा और न सच्चाई जानने की कोशिश की, बस सब मीडिया द्वारा दिखाई गयी खबरों के आधार पर माना गया। इससे साफ होता है कि हमारे देश पर उदार परितंत्र शासन कर रहा है।

🚩2.) सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संस्थापक सुरेश चव्हाण ने लिखा है कि 13 बार के बलात्कारी पादरी को तो 21 दिन में बेल । लेकिन ज़िनके FIR में भी बलात्कार का आरोप नहीं लिखा है उन #आसाराम_बापू को पाँच साल में एक दिन भी ज़मानत नहीं मिली क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण की दुकानों को बंद किया था। #ईसाई कितने शक्तिशाली हैं यह बताने के लिए यह बड़ा उदाहरण है । https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1051885698788155392?s=08

🚩3.) प्रशान्त पटेल उमराव लिखते है कि रेपिस्ट बिशप फ्रैंको के समर्थन में पूरा समुदाय व चर्च खड़ा था और उसे जमानत मिल गयी परंतु चर्च के धर्मांतरण के विरुद्ध लड़ने वाले आसाराम बापू के फर्जी केस में फंसने पर उन्हें गाली देने वाले स्वधर्मी ही हैं । फिर भी आप पूँछते हैं कि लेफ्ट का इकोसिस्टम कैसे भारत में राज कर रहा है ?
https://twitter.com/ippatel/status/1051745760692162560?s=19

🚩4.) राजेश तामडे़त ने व्यंग करते हुए, देश के कानून की दोहरी छवि पर सवाल उठाते हुए कहा कि गजब है भाई.. इतने संगीन आरोप होने के बाद भी इन्हें बेल मिल गया.. वहीं आशाराम बापू अब भी जेल में हैं… अंग्रेज चले गए पर अपने कानून छोड़ गए…
जाने किसे सजा दे दें, जाने किसे रफा दे दें…

🚩5.) सचिन का कहना है कि जज साहब का निर्णय उन्हें संदेह के घेरे में लाता है,,,, हिंदुओ का धर्म परिवर्तन नहीं होने देने वाले, फर्जी आरोप में बिना सबूत के सालों से जेल में हैं और धर्म परिवर्तन, रेप करने वाले कुछ ही दिन में बाहर आ गए ! लगता है मोटा चढ़ावा चढ़ा है ।

🚩6.) शकरजीत भदौरिया कहते हैं कि
देख लो भाईसाहब, ये है रोम की ताकत
क्रिस्चियन धर्म के लोगों ने विरोध किया नहीं
उनके खिलाफ एक भी व्यक्ति नहीं बोला
न्यूज चैनलों से रिपोर्ट ही गायब रही
अपने यहाँ न्यूज़ चैनलों ने आसाराम बापू के खिलाफ 3 महीने तक लगातार नौटंकी चलाई कितनो ने विरोध किया हमने खुद धर्म का मज़ाक बनाया है ।

🚩7.) करुणासागर लिखते हैं कि फ्रैंको मुल्लकल (54) को चर्च में नन के साथ बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में गिरफ्तारी के 3 ही हफ्तों में बेल मिल गई… आसाराम बापू (74) के केस में छेड़छाड़ के मामले में 2013 से बेल खारिज की गई… पहले तो उपद्रव चयनात्मक हुआ करते थे अब तो बेल भी चयनात्मक हो गई,
शर्मनाक

🚩8.) जवाहर मंगलमपाल कहते हैं कि तो, हमारी न्याय व्यवस्था क्या चर्च के साथ मिलकर फैसला देती है ? और क्या मस्जिद के ऊपर सख्ती से कार्यवाही करने से डरती है ? देश/जनता अब निश्चित ही मान रही है कि न्याय व्यवस्था पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती है हिन्दू/हिंदुत्व के साथ । क्यूँ आशाराम बापूजी को बेल नहीं मिली जबकि बिशप को मिली? क्या अब ये न्यायपालिका के ऊपर है कि वो किस पर खरी उतरती है ?
https://twitter.com/JMangalampall/status/1051870648228691969?s=08

🚩9.) उधय शंकर का कहना है कि ऐसा लगता है कांग्रेस की सरकार नहीं है फिर भी ये राष्ट्र हिंदुओं के लिए नहीं है, क्या न्यायालय के फैसले मीडिया के चयनात्मक उपद्रवों पर आधरित होते हैं ? फ्रैंको की तुलना में आसाराम बापू के ऊपर लगे आरोपों को दिखाने में मीडिया द्वारा करीब 100 गुणा अधिक समय दिया गया था जबकि फ्रैंको के ऊपर लगे आरोप ज्यादा संगीन हैं ।
https://twitter.com/UDHAYSHANKARTR/status/1051909908910682112?s=19

🚩10.)निशांत लिखते हैं कि लेकिन आसाराम बापू को उसी प्रकार के अपराध के लिए सालों से बेल नहीं मिली । क्या कोई बिशप के केस में मिले इस विशेष मेरिट की व्याख्या कर सकता है?
यहाँ तक कि प्रमुख वकील राम जेठमलानी भी न्यायपालिका को आसाराम के कानूनी मामले पर जमानत देने के लिए नहीं मना पाए ।
यहाँ इस तरह के दो फैसले क्यों ?

🚩11.) आशीष जैन का कहना है कि आसाराम बापू को बेल नहीं दी गई क्योंकि वो ईसाई धर्मान्तरण के खिलाफ लड़ रहे थे । वो सदैव हिंदुत्व के साथ ही थे किंतु मूर्ख हिंदुओं ने उनपर #MeToo के लिए दोषारोपण किया । मैं प्रार्थना करता हूँ कि वो बिना जमानत के ही जेल से बाहर आ जाएं ।
https://twitter.com/jain78ak/status/1051734674119086080?s=19

एक तरफ आसाराम, एक तरफ पादरी फ्रैंको मुलक्कल

अधिकतर हिन्दू कितने बड़े मूर्ख होते हैं ये अब बलात्कारी पादरी फ्रैंको मुलक्कल को मिली जमानत के बाद कई लोगों को समझ में आ रहा हैं।

केरल की नन ने जालंधर के ईसाई पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर कई बार रेप करने का आरोप लगाया, उनके समर्थन में कई नने भी सामने आई थी, जिसके कारण पिछले महीने बिशप को केरल की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था पर उसे मात्र 21 दिन में ही जमानत दे दी गई, ये वहीं न्यायालय हैं जिसने हिन्दू संत आसाराम बापू को 5 साल में 1 दिन की भी जमानत नहीं दी थी, इसी कारण अब जा कर मूर्ख हिन्दुओं की थोड़ी आंखे खुली व जनता में भारी रोष देखने को मिला ।

जब आसाराम बापू पर आरोप लगा था तब लगभग सभी हिन्दुओं ने मीडिया में चल रही बकवास के झांसे में आकर उनका विरोध किया था। जब की आज भी यह हकीकत हैं की उनकी FIR में भी बलात्कार का जिक्र नहीं किया गया उन्हें जो सजा मिली POSCO एक्ट के तहत नाबालिग से छेड़छाड़ की मिली।

पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर जो आरोप लगा वह पूर्ण रूप से बलात्कार का हैं वह भी तेरह दिन लगातार बलात्कार करने का जिसके विरोध में एक नहीं दर्जनों नन सामने भी आईं और महीनों अनशन भी किया। तब जाकर मुशिकल से उसकी गिरफ्तारी हुई लेकिन मात्र 21 दिनों में उसी न्याय पालिका ने जमानत पर रिहा कर दिया जिसने पांच साल में एक दिन कि भी जमानत आसाराम बापू को नहीं दी थी। *गौरतलब हो कि इस पादरी के छूटते ही प्रमुख गवाह की हत्या भी हो चुकी हैं।*
( Check out @azad_nishant’s Tweet: https://twitter.com/azad_nishant/status/1054340185939308544?s=09 )

मूर्ख हिन्दुओं और शातिर इसाइयों में फर्क

— मूर्ख हिन्दुओं ने तुरंत आसाराम बापू का विरोध शुरू कर दिया जब की आसाराम बापू ने अपने समय में ना केवल आदिवासियों का ईसाई धर्मांतरण रुकवाया बल्कि हजारों की हिन्दू धर्म में घर वापसी भी कराई।

— शातिर इसाइयों ने बलात्कारी पादरी के पक्ष में पूरी एक जुटता दिखाई, किसी भी ईसाई ने ननो का साथ नहीं दिया क्योंकि वे जानते हैं पादरी हिन्दुओं को धर्मांतरण करवा कर ईसाई बनाता हैं जिससे इन इसाइयों की ताकत बढ़ती है।

— मूर्ख हिन्दुओं ने आसाराम बापू को लेकर अपने ही संतों के उपर कई तरह के भद्दे मजाक बनाए जो आज भी जारी हैं, इसमें किसी भी हिन्दू को कोई संकोच कभी महसूस नहीं होता।

— जबकि शातिर इसाइयों ने अपने बलात्कारी पादरी के सम्मान को कम नहीं होने दिया और उसके जमानत पर छूटते ही भव्य रूप से बलात्कारी पादरी का स्वागत किया।

जहां आसाराम बापू के विरोध में पूरा का पूरा मीडिया जगत महीनों भर दुनिया सिर पर उठाता रहा वहीं बलात्कारी पादरी के केस में वहीं मीडिया मुंह दबाए बैठा रहा लिकेन मूर्ख हिन्दुओं ने कभी हिन्दू विरोधी मीडिया पर कोई सवाल नही किया। इसी तरह जिस न्यायालय ने उन्हें पांच साल तक कोई जमानत नहीं दी उसी न्यायालय ने मात्र 21 दिनों में बलात्कारी पादरी को जमानत पर रिहा कर अपनी दोगली व हिन्दू विरोधी मानसिकता को खुल कर जता दिया कि वे हिन्दू विरोध में कोई भी फैसला ले सकते हैं।

न्यायालय द्वारा बलात्कारी पादरी को रिहा करने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर जमकर प्रतिक्रिया दी….

🚩1.)सुप्रीम कोर्ट के वकील इशकरण भंडारी कहते हैं कि एक तरफ तो केरल के बिशप फ्रैंको मुल्लकल जिसके समर्थन में उसका पूरा समुदाय खड़ा था और पूरी तरह से सक्रिय भी था। और दूसरी ओर जिस तरह से आसाराम बापू जी को उनके ही लोगों ने दोषारोपण करके उनके केस को न तो पूरा पढ़ा और न सच्चाई जानने की कोशिश की, बस सब मीडिया द्वारा दिखाई गयी खबरों के आधार पर माना गया। इससे साफ होता है कि हमारे देश पर उदार परितंत्र शासन कर रहा है।

🚩2.) सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संस्थापक सुरेश चव्हाण ने लिखा है कि 13 बार के बलात्कारी पादरी को तो 21 दिन में बेल । लेकिन ज़िनके FIR में भी बलात्कार का आरोप नहीं लिखा है उन #आसाराम_बापू को पाँच साल में एक दिन भी ज़मानत नहीं मिली क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण की दुकानों को बंद किया था। #ईसाई कितने शक्तिशाली हैं यह बताने के लिए यह बड़ा उदाहरण है । https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1051885698788155392?s=08

🚩3.) प्रशान्त पटेल उमराव लिखते है कि रेपिस्ट बिशप फ्रैंको के समर्थन में पूरा समुदाय व चर्च खड़ा था और उसे जमानत मिल गयी परंतु चर्च के धर्मांतरण के विरुद्ध लड़ने वाले आसाराम बापू के फर्जी केस में फंसने पर उन्हें गाली देने वाले स्वधर्मी ही हैं । फिर भी आप पूँछते हैं कि लेफ्ट का इकोसिस्टम कैसे भारत में राज कर रहा है ?
https://twitter.com/ippatel/status/1051745760692162560?s=19

🚩4.) राजेश तामडे़त ने व्यंग करते हुए, देश के कानून की दोहरी छवि पर सवाल उठाते हुए कहा कि गजब है भाई.. इतने संगीन आरोप होने के बाद भी इन्हें बेल मिल गया.. वहीं आशाराम बापू अब भी जेल में हैं… अंग्रेज चले गए पर अपने कानून छोड़ गए…
जाने किसे सजा दे दें, जाने किसे रफा दे दें…

🚩5.) सचिन का कहना है कि जज साहब का निर्णय उन्हें संदेह के घेरे में लाता है,,,, हिंदुओ का धर्म परिवर्तन नहीं होने देने वाले, फर्जी आरोप में बिना सबूत के सालों से जेल में हैं और धर्म परिवर्तन, रेप करने वाले कुछ ही दिन में बाहर आ गए ! लगता है मोटा चढ़ावा चढ़ा है ।

🚩6.) शकरजीत भदौरिया कहते हैं कि
देख लो भाईसाहब, ये है रोम की ताकत
क्रिस्चियन धर्म के लोगों ने विरोध किया नहीं
उनके खिलाफ एक भी व्यक्ति नहीं बोला
न्यूज चैनलों से रिपोर्ट ही गायब रही
अपने यहाँ न्यूज़ चैनलों ने आसाराम बापू के खिलाफ 3 महीने तक लगातार नौटंकी चलाई कितनो ने विरोध किया हमने खुद धर्म का मज़ाक बनाया है ।

🚩7.) करुणासागर लिखते हैं कि फ्रैंको मुल्लकल (54) को चर्च में नन के साथ बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में गिरफ्तारी के 3 ही हफ्तों में बेल मिल गई… आसाराम बापू (74) के केस में छेड़छाड़ के मामले में 2013 से बेल खारिज की गई… पहले तो उपद्रव चयनात्मक हुआ करते थे अब तो बेल भी चयनात्मक हो गई,
शर्मनाक

🚩8.) जवाहर मंगलमपाल कहते हैं कि तो, हमारी न्याय व्यवस्था क्या चर्च के साथ मिलकर फैसला देती है ? और क्या मस्जिद के ऊपर सख्ती से कार्यवाही करने से डरती है ? देश/जनता अब निश्चित ही मान रही है कि न्याय व्यवस्था पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती है हिन्दू/हिंदुत्व के साथ । क्यूँ आशाराम बापूजी को बेल नहीं मिली जबकि बिशप को मिली? क्या अब ये न्यायपालिका के ऊपर है कि वो किस पर खरी उतरती है ?
https://twitter.com/JMangalampall/status/1051870648228691969?s=08

🚩9.) उधय शंकर का कहना है कि ऐसा लगता है कांग्रेस की सरकार नहीं है फिर भी ये राष्ट्र हिंदुओं के लिए नहीं है, क्या न्यायालय के फैसले मीडिया के चयनात्मक उपद्रवों पर आधरित होते हैं ? फ्रैंको की तुलना में आसाराम बापू के ऊपर लगे आरोपों को दिखाने में मीडिया द्वारा करीब 100 गुणा अधिक समय दिया गया था जबकि फ्रैंको के ऊपर लगे आरोप ज्यादा संगीन हैं ।
https://twitter.com/UDHAYSHANKARTR/status/1051909908910682112?s=19

🚩10.)निशांत लिखते हैं कि लेकिन आसाराम बापू को उसी प्रकार के अपराध के लिए सालों से बेल नहीं मिली । क्या कोई बिशप के केस में मिले इस विशेष मेरिट की व्याख्या कर सकता है?
यहाँ तक कि प्रमुख वकील राम जेठमलानी भी न्यायपालिका को आसाराम के कानूनी मामले पर जमानत देने के लिए नहीं मना पाए ।
यहाँ इस तरह के दो फैसले क्यों ?

🚩11.) आशीष जैन का कहना है कि आसाराम बापू को बेल नहीं दी गई क्योंकि वो ईसाई धर्मान्तरण के खिलाफ लड़ रहे थे । वो सदैव हिंदुत्व के साथ ही थे किंतु मूर्ख हिंदुओं ने उनपर #MeToo के लिए दोषारोपण किया । मैं प्रार्थना करता हूँ कि वो बिना जमानत के ही जेल से बाहर आ जाएं ।
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पश्चिमी देशो में भी तो नग्नता हैं???

Stop Nudity!!!

Stop Nudity!!!

जब मेने “दामिनी का असली गुनहगार” लेख प्रसारित किया था तब भारी संख्या में समर्थन मिला और बहुतों ने सराहा. लेकिन काफी लोग मुझे ऐसे भी मिले जो यह प्रश्न करते थे की पश्चिमी देशों में भारत की तुलना में ज्यादा नग्नता हैं फिर वहां क्यूँ नहीं होते बलात्कार? सभी को मेने जवाब भी दिया और उन्होंने भी इसे स्वीकार किया. वही जवाब औरों के लिए भी प्रसारित कर रहा हूँ.

यदि आप पश्चिमी देशो के साथ भारत की तुलना कर रहे हैं, तो सिर्फ एक बिंदु यानी बलात्कार के साथ तुलना नहीं कर सकते! अन्य पहलुओं के साथ भी तुलना करना होगा… जिसमे सबसे महत्वपूर्ण हैं शिक्षा, कानून व्यवस्था और भौगोलिक संस्कृतियों. Continue reading

दामिनी का असली गुनहगार

दामिनी का असली गुनहगार

दामिनी का असली गुनहगार

आज मिडिया की हर बहस में लोग ये तो कहते नजर आते हैं की अच्छे संस्कारों की सुरुवात घर से ही होती हैं लेकिन हकीकत ये हैं की पहले के जमाने में संस्कारों की सुरुवात माता-पिता से होती थी आज संस्कारों की सुरुवात घर के टेलीविज़न सेट से होती हैं, वही टेलीविज़न जो की अश्लीलताओं से भरापडा हैं. आज बचपन से ही टीवी के माध्यम से बच्चा क्या क्या नहीं सिख जाता? और यही एक लड़की के दामिनी बनने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

दामिनी के कातिल है….
डियोडरेंट के एड
नहाने के साबुन के एड
गर्भनिरोधक दवाऔ के एड
कंडोम के एड
….और हर एक वो एड जो लडकीयों को “खरीदने की वजह” के रुप मे पेश करते है

दामिनी की कातिल है….
“शिला की जवानी”
“हलकट जवानी”
“मुन्नी बदनाम”
“जलेबी बाइ”
….और हर वो गाने जो स्त्रि के बदन का तमाशा करते है

दामिनी की कातिल है….
जिस्म
राज
मर्डर
डर्टी पिक्चर
…और हर  एक वो फिल्में जिनका आधार केवल और केवल “सेक्स” होता हैं

दामिनी की कातिल है….
बिपासा
मल्लिका
राखि सावंत
सन्नी लियोन
….और हर एक वो अभिनेत्री जो शान से अपने नंगे बदन को बेचते वक्त ये भुल जाती है कि उनके लिये भले ही ये धंधा है लेकीन देश कि दुसरी नारीयो के लिये इज्जत हैं

दामिनी के कातिल है….
महेश भट्ट
पुजा भट्ट
मिलन लुथरीया
मोहीत सुरी
इमरान हशमी
…और हर एक वो निर्देशक/अभिनेता जिन्होने स्त्रि कि गरीमा को इतना गीरादिया कि दर्शको कि नजरों मे स्त्री एक मात्र पुरषो के मनोरंजन का सामान बन कर रह गयी

दामिनी के कातिल हैं…
न्यूज़ चेनलों में मनोरंजन समाचारों के रूप में दिखाई जाने वाली अश्लीलता
कोमेडी के नाम पर भद्दा और निम्न स्तर का स्टेज की मोडलों पर बनाया जाने वाला मजाक

विज्ञापन में अश्लीलता!!!
गानों में अश्लीलता!!!
फिल्मो में अश्लीलता!!!
न्यूज़ चेनलों में अश्लीलता!!!
कोमेडी सिरिअल्स में अश्लीलता!!!

जब तक इनमाध्यमो में सुधार नहीं किये जाते, इस देश के किसी भी कोने में कोई भी लड़की दामिनी बना दी जायेगी फिर भले ही चाहे बलात्कारी के लिए फांसी की सजा ही क्यूँ ना हो….

दोस्तों केवल एक ही प्रश्न: इस देश में हत्या के लिए फांसी की सजा हैं लेकिन क्या इस देश में हत्याए नहीं होती???

अगर वास्तव में परिवर्तन चहिये तो सबसे बड़ी आवश्यकता हैं टेलीविज़न और फिल्मो में दिखाई जाने वाली अश्लीलता पर लगाम की. यह एक हकिकत जिससे फिल्मी जगत आँखे चुराने में लगा हुवा हैं, मिडीया बताना नहीं चाहता, और अंग्रेजीतंत्र  की सरकार तो समझ ही नही सकती.

“जब तक इस तरह स्त्री के बदन पर धंधा करने वालो कि दुकान बंद नही कि जाती, इस देश मे लडकीयाँ दामिनी बनती रहेगी”

[इसे भी अवश्य पढ़े पश्चिमी देशो में भी तो नग्नता हैं???]

जागो और जगाओ….अश्लीलता मिटाओ!!! देश बचाओ!!!
जय हिन्द!!! जय भारत!!!