“आदिवासी” इलाका दिल्ली के मोमबत्ती धारयों कि मेहरबानी से अरवींद कजरीवाल के हौसले अब सातवे आसमान पर नजर आ रहें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू कि गई इनकी ये लडाई अब बीजेपी के खिलाफ मुड चुकी हैँ।
आईये, खुदको इमानदारी का एक मात्र ठेकेदार बतानेवाले अरवींद के अबतक के कुछ बयानों पर नजर डालते हैँ।
अन्ना आंदोलन कि सरूवात में:
” राजनीति एक गटर हैं हम इसे बाहर रहकर ही साफ करेंगे “
खुद के “आमरण” अनशन के दौरान:
” हमारी पुरी लडाई लोकपाल के लिये हैं, हम कभी राजनीतिक दल नहीं बनायेंगे “
मात्र 10 दिन की नौटंकी के बाद ही:
” हम राजनैतिक पार्टी बनाकर लडेंगे “
अन्ना जब नाराज होकर अलग हुवे:
” अगर अन्ना कहें तो हम राजनीतिक पार्टी नहीं बनायेंगे “
जब अन्ना ने साफ मना कर दिया:
” अब हम इस लडाई में आगे निकल चुके हैं अब पीछे नहीं हटेंगे “
अन्ना ने यहाँ तक कह दिया कि अरवींद सत्ता के लालची हैं और मेरे नाम का इस्तेमाल ना करे:
” अन्ना हमारे गुरू हैं, वो नाराज हैं, हम उन्हे मनालेंगे “
आज जब अन्ना ने “आप” के लोगों को रालेगाव से हकाल दिया:
” अन्ना को बीजेपी के लोगो ने घेर रखा हैं। इसलिए अन्ना ऐसे बयान दे रहे “
चुनाव से पहले:
” काँग्रेस – बीजेपी दोनो भ्रष्ट हैं “
चुनाव के बाद:
” ना हम समर्थन देंगे और ना ही समर्थन लेंगे, हम विपक्ष में बैठेंगे “
फिर कुछ ही समय बाद:
” हम दुसरे दलों के इमानदार नेताओं को बगावत कर हमसे जुडे “
जब बीजेपी ने सरकार बनाने से मना कर दिया:
” बीजेपी अपनी जिम्मेदारी से भागी हैं। इसलिये अब हम सरकार बनायेंगे “
काँग्रेस के समर्थन देने के बयान के बाद:
” हम समर्थन मांगने नहीं गये “
गिरगिट के बाद “कजरीवाल” नाम का और एक ही मानवर ऐसा पैदा हुवा जो इतने रंग बदलता हैं। सभी आम इंसानों से अपील हैं कि इनसे संभलकर रहें।
जय हिंद, जय भारत !!!